नोएडा में 40,000 में बेच रहा था रेमडेसिविर इंजेक्शन, पुलिस ने किया गिरफ्तार
नोएडा पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया है, यह शख्स रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक कर रहा था।
देश भर में कोरोना का संकट गंभीर होता जा रहा है। इस संकट के दौर में कई जीव आवश्यक दवाओं की कमी हो रही है। इस समय सबसे अधिक मांग रेमडेसिविर इंजेक्शन की है। ऐसे में इसकी जमकर कालाबाजारी हो रही है। दिल्ली से सटे यूपी के नोएडा में रेमडेसिविर की कालाबाजारी की घटना सामने आई है। नोएडा पुलिस ने रचित घई पुत्र अश्वनी घई को गिरफ्तार किया है, यह शख्स रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक कर रहा था।
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क्राइम क्राइम ब्रांच सेक्टर 20 पुलिस ने मौके से 105 वायल्स से ज्यादा इंजेक्शन, सेंट्रो कार व 1,54,000 रुपये नकद बरामद किए। इसमें रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली विदेशी और स्वदेशी कम्पनी के इंजेक्शन मिल हैं। बताया जा रहा है कि आरोपी जरूरतमंद लोगों को ₹15,000 से ₹40,000 के बीच में बेच रहा था। पुलिस ने आरोपी के पास से लाखों का कैश भी बरामद किया है। पुलिस के अनुसार आरोपी कोरोना मरीज़ों के परिजनों की मजबूरी का फायदा उठाकर इंजेक्शन बेचा करता था।
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रेमडेसिविर पर आयात शुल्क किया खत्मदेश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय लॉकडाउन को आखिरी उपाय बताते हुए इसकी संभावना को कम कर दिया है, वहीं दूसरी ओर सरकार ने रेमडेसिविर, इसके कच्चे माल तथा वायरल रोधी दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाले अन्य सामान पर सीमा शुल्क समाप्त करने की घोषणा की है। इस कदम से रेमडिसिविर इंजेक्शन की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और लागत घटाने में मदद मिलेगी। रेमडिसिविर का इस्तेमाल कोरोना वायरस के इलाज में होता है। राजस्व विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने जन हित में इन उत्पादों पर सीमा शुल्क समाप्त करने का फैसला किया है। जिन उत्पादों पर अब आयात शुल्क नहीं लगेगा उनमें रेमडेसिविर एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रिडिएंट्स (एपीआई), इंजेक्शन रेमडेसिविर और रेमडेसिविर के विनिर्माण में काम आने वाली बीटा साइक्लोडेक्ट्रिन शामिल है। आयात शुल्क की यह छूट इस साल 31 अक्टूबर तक लागू रहेगी।