मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में लॉकडाउन प्रतिबंधों के बीच दोस्त के साथ बाइक पर घूम रहे एक युवक ने दंड से बचने के लिए अपने मुंह पर 10 रुपये का नोट ही चिपका लिया। युवक एक संविदाकर्मी है। पुलिस से बचने के लिए किए गए इस काम को उसने यह कहते हुए उचित ठहराने की भी कोशिश की कि मास्क की कीमत इस दस रुपये के नोट से कम से कम 30 रुपये अधिक है, जो उसके पास नहीं है। अमित अपने दोस्त महबूब के साथ 'लक्ष्यहीन' घूमता हुआ पकड़ा गया। पुलिसकर्मियों को आता देख महबूब ने अपने चेहरे को तुरंत रुमाल से ढंक लिया। लेकिन, अमित के पास रुमाल नहीं था, इसलिए उसने जल्दी से मुंह पर दस रुपये का नोट चिपका दिया।
सिविल लाइंस के ऑफिसर संजीव देशवाल ने कहा, "मैं रविवार को लॉकडाउन ड्यूटी पर था जब एक बाइक पर दो युवकों को जाते देखा। मोटरसाइकिल चला रहा व्यक्ति रुमाल बांधे हुए था और पीछे सवार ने जल्दी से अपने चेहरे पर दस रुपये के नोट को चिपका लिया। जब उससे (अमित से) सवाल किया गया, तो उसने स्वीकार किया कि उसके पास मास्क नहीं है। इसके बाद हमने उसे दो मास्क दिए और उसे चेतावनी दी कि वह इन्हें पहने बिना न घूमे।"
अमित ने बाद में संवाददाताओं से कहा, "एक मास्क की कीमत 40 रुपये है और मेरे पास केवल 10 रुपये हैं। इसलिए, मैंने इसे मास्क के रूप में इस्तेमाल किया। हम जिले के परीक्षितगढ़ इलाके में रहते हैं और अपने नियोक्ता से भुगतान लेने के लिए शहर आए थे।"
उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश देने के लिए अवज्ञा) और महामारी रोग अधिनियम के संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। दोनों युवक, महबूब और अमित मेरठ में संविदा कर्मचारी के रूप में काम करते हैं।
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