नई दिल्ली: मेरठ में थाना सरूपुर, खरखौदा पुलिस और क्राइम ब्रांच ने ऐसे ट्रेक्टर चोर और लूटेरों के गैंग का भंडाफोड़ किया है जो मेरठ और आसपास के जिलों से केवल ट्रेक्टरों को निशाना बनाकर उनको लूट लिया करते थे और चोरी भी करते थे। इस गैंग ने ढाई सौ से भी अधिक लूट की घटनाओं को अंजाम दिया है जबकि हाल ही में 50 मामलों में ये संलिप्त पाए गए थे। इनके ऊपर कई दर्जन मुकदमे भी दर्ज है। सबसे ख़ास बात ये कि ये गैंग थाना सरूरपुर में डी 62 नाम से रजिस्टर्ड है। इसमें जो बदमाश है सभी शतिर है और एक लूट के मामले में पहले भी 7 साल की जेल की सजा काटकर आ चुके है।
जेल की सजा काटकर आने के बाद उसने अपना पुराना लूट का काम इसी गैंग में रहकर करना शुरू कर दिया। सरूरपुर थानाध्यक्ष को इतना भी पता नहीं था की उनके थाने में कितने अपराधिक गैंग है, जिससे वो उनपर न केवल निगाह रख सके, बल्कि किसी भी घटना को करने से पहले उनपर दबाव बना सके। परिणाम यह रहा कि बदमाश जेल से आने के बाद भी अपराधिक वारदात को अंजाम देने लगा और थाना पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।
इसी लापरवाही को देखते हुए एसएसपी ने ऐसे थानेदारो के खिलफ न केवल जांच शुरू की है बल्कि कार्रवाई करने की भी बात कर रहे हैं। वो ऐसे थानेदारो के खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कर रहे हैं जिनको अपने थाने के हिस्ट्रीशीटरों तक का पता नहीं है।
ये गैंग पिछले काफी दिनों से चोरी के सभी ट्रेक्टरो को राजस्थान में बेच रहा था। वहां आरिफ नाम का एक व्यक्ति लूट के ट्रेक्टरो का खरीदकर दूसरों को बेच रहा था जिसकी तलाश पुलिस कर रही है। फ़िलहाल पुलिस ने सभी पांचों आरोपियों आबिद, शौकीन, शाहिद, हारून और अंसार को गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया है।
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