नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस इन दिनों एनकाउंटर मोड पर काम कर रही है लेकिन उसकी मंशा पर सवालिया निशान लगने लगे हैं। फर्जी एनकाउंटर को लेकर सवालों के घेरे में फंसी यूपी पुलिस एक बार फिर मुश्किल में फंसी नजर आ रही है। जी हां मेरठ में देर रात पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें किठौर पुलिस ने तीन बदमाशों के पैर में गोली मार दी। घायल बदमाशों को मेरठ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया।
पुलिस के मुताबिक किठौर पुलिस को सूचना मिली कि कुछ बदमाश जंगलो में बैठे बियर पी रहे हैं, और किसी डकैती की घटना की योजना बना रहे हैं। ये वही बदमाश है जिन्होंने 13 अप्रैल को किठौर कस्बा के नई बस्ती मुहल्ले में गाड़ी मैकेनिक शकील के यंहा डकैती डाली थी और शकील, उसकी मां जायदा व उसकी पत्नी रेशमा को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। कुछ दिन बाद ईलाज के दौरान रेशमा की मृत्यु हो गयी थी।
किठौर पुलिस ने इस सूचना को क्राइम ब्रांच को बताया व घेराबंदी करना शुरू किया। पुलिस को देखते ही बदमाशों ने पुलिस पर फायर करना शुरु कर दिया। पुलिस ने भी क्रास फायर किया जिसमे 3 डकैतों को गोली लगी, जिन्हें तमंचे के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है। भागे हुए डकैतों की तलाश की जा रही है।
वहीं घायल बदमाशों ने पुलिस पर ही गंभीर आरोप लगा डालें। बदमाशों की माने तो पुलिस ने उन्हें अलीगढ़ से संभल जाते हुए गिरफ्तार किया। यह लोग सर्कस दिखा कर अपना पेट पालते हैं। हैरत तो तब हुई जब बदमाशों ने पुलिस पर उनकी बहन से बदतमीजी करने का आरोप लगाया। बदमाशों ने यहां तक कह डाला कि बहन की दुहाई देकर उनसे डकैती की वारदात कबूल करने के लिए कहा जा रहा है। बदमाशों की माने तो उन्हें पहले जबरन गिरफ्तार किया गया जिसके बाद थाने में रखा गया और अब किठौर के जंगल में ले जाकर पुलिस ने हाथ पैर पकड़ कर उन्हें गोली मार दी जिसके बाद अस्पताल भेज दिया गया।
उनका कहना है कि पुलिस ने पूरी तरीके से प्लांड एनकाउंटर को अंजाम दिया है। फिलहाल उनकी बहन पुलिस के कब्जे में हैं। हालांकि यह सभी आरोप उन घायल बदमाशों ने लगाए हैं जो खुद अपराधी हैं। इन आरोपों में कितनी सत्यता है यह तो जांच के बाद ही पता लगेगा लेकिन अगर बदमाश सच कह रहे हैं तो यूपी पुलिस शायद अब केवल वाहवाही लूटने के लिए एनकाउंटर कर रही है।
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