लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग की 17 जातियों को अनुसूचित जाती वर्ग में शामिल करने के राज्य सरकार के फैसले पर, उच्च न्यायालय की रोक के बाद उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की प्रतिक्रिया आई है। मायावती ने कहा है कि घोर राजनितिक स्वार्थ से प्रेरित ऐसे फैसलों से किसी पार्टी या सरकार का कुछ नहीं बिगड़ता।
मायावती ने अपने ट्वीट संदेश में कहा ‘‘यूपी में 17 ओबीसी जातियों को जबर्दस्ती एससी घोषित करने पर हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाने की खबर आज स्वाभाविक तौर पर बड़ी सुर्खियों में है। घोर राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित ऐसे फैसलों से किसी पार्टी/सरकार का कुछ नहीं बिगड़ता है लेकिन पूरा समाज इससे प्रभावित होता है। अति-दुर्भाग्यपूर्ण।’’
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की 17 जातियों को अनुसूचित जाति (SC) की सूची में शामिल करने की राज्य सरकार की अधिसूचना पर सोमवार को रोक लगा दी है। न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया जिसके बाद इस मामले पर आगे की सुनवाई होगी।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने OBC वर्ग की 17 जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने के लिए इस साल जून में एक आदेश जारी किया था। इन 17 जातियों को SC वर्ग में शामिल किया गया था उनमें कहार, कश्यप, केवट, निषाद, बिंद, भर, प्रजापति, राजभर, बाथम, गौर, तुरा, माझी, मल्लाह, धीमर और मछुआ शामिल हैं
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