लखनऊ. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने किसान आंदोलन को लेकर एकबार फिर से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है। मायावती ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब देश के किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों से सहमत नहीं हैं तो केंद्र सरकार को कानूनों को वापस लेना चाहिए। मायवती ने आगे कहा कि जिन किसानों की इस आंदोलन में मृत्यु हुई है उनके परिवारों को केंद्र और राज्य सरकारों को उचित आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देनी चाहिए।
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उन्होंने पांच राज्यों में हो रहे चुनाव पर अपनी पार्टी की रुख रखते हुए कहा कि देश के कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं, हमारी पार्टी केरल, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी और तमिलनाडु में चुनाव अकेले अपने बलबूते पर लड़ रही है। हमारी पार्टी इन चार राज्यों में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
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बसपा के फाउंडर कांशीराम की जयंती पर मायावती ने कहा कि सियासी दलों में से सिर्फ बसपा ने ही दलितों, शोषितों, आदिवासियों, बैंकवर्ड क्लास, मुस्लिमों के लिए अपना सबकुछ झोंका है ताकि वो गरिमा का जीवन जी सकें। मायावती ने कहा कि बसपा उन्हें तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। हर मीटिंग और पब्लिक रैली में, उन्हें कांशीराम और अंबेडकर के बारे में बताया जाता है कि जबतक केंद्र और राज्य में जातिवादी, पूंजीवादी सरकारें रहेंगी, तबतक इन लोगों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में उचित बदलाव नहीं होंगे।
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