मायावती कभी भी करवा सकती हैं मेरी हत्या: नसीमुद्दीन
उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निकाले गए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने शुक्रवार को एक बार फिर बसपा प्रमुख मायावती पर हमला बोला।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से निकाले गए नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने शुक्रवार को एक बार फिर बसपा प्रमुख मायावती पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मायावती भारत की सबसे बड़ी ब्लैकमेलर हैं और वह कभी भी उनकी हत्या करवा सकती हैं। नसीमुद्दीन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सुरक्षा की गुहार भी लगाई।
लखनऊ स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से मुखातिब नसीमुद्दीन ने एक बार फिर मायावती और बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "मायावती मानवता के नाम पर कलंक हैं। वह कभी भी मेरे और मेरे परिवार की हत्या करवा सकती हैं। मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग करता हूं कि हमारा अनुरोध सुनें और मेरी सुरक्षा को लेकर कोई कदम उठाएं।"
पूर्व बसपा नेता ने कहा, "मायावती कहती हैं कि मैं अपने बेटे को चुनाव नहीं जिता सकता। लेकिन मैं चुनौती देता हूं कि मायावती नगर पालिका की किसी सीट से पार्षदी का चुनाव लड़कर दिखाएं।" उन्होंने कहा, "मायावती नगर पालिका का चुनाव भी नहीं जीत सकती हैं। मैंने अपने दम पर उन्हें चुनाव जितवाया है, वरना राज्यसभा और लोकसभा का मुंह वह कभी नहीं देख पातीं।"
नसीमुद्दीन ने कहा, "मायावती ने कल यह भी कहा कि मेरी कोई बेटी ही नहीं है। उन्हें क्या पता कि औलाद का दर्द क्या होता है। चाहे वह बेटा हो या बेटी।" सतीश चंद्र मिश्रा पर हमला बोलते हुए नसीमुद्दीन ने कहा कि इन्होंने ही कांशीराम के मूवमेंट का सत्यानाश कर दिया। मायावती और सतीश मिश्रा ने मिलकर कांशीराम के अभियान को खत्म कर दिया।
नसीमुद्दीन ने कहा, "मायावती अब कहती हैं कि कांशीराम ने उनसे कहा था कि नसीमुद्दीन अच्छा आदमी नहीं है, उसे ज्यादा महत्व न दो। तो फिर मायावती बताएं कि कांशीराम के जिंदा रहते तो मैं प्रदेश महासचिव था, लेकिन उनके मरने के बाद मुझे राष्ट्रीय महासचिव क्यों बना दिया गया। उप्र में 2007 में सरकार बनने के बाद उन्होंने 18 विभागों की जिम्मदारी मुझे क्यों सौंप दी।" पूर्व बसपा नेता ने कहा, "मायावती से बड़ा ब्लैकमेलर पूरे भारत में नहीं मिलेगा। मैंने यह सब उन्हीं से सीखा है। मैंने अपना बचाव करने के लिए ऐसा किया, ताकि अपनी रक्षा कर सकूं।"