सुल्तानपुर: 2019 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की शानदार जीत के साथ ही नरेंद्र मोदी का एक बार फिर प्रधानमंत्री बनना तय हो गया। 23 मई को नतीजे आए और 30 मई को प्रधानमंत्री ने अपने नए मंत्रिमंडल के साथ शपथ भी ले ली। हालांकि इस बार उनके मंत्रिमंडल में कई पुराने चेहरे नहीं दिखे, उनमें एक नाम पार्टी की वरिष्ठ नेता और सुल्तानपुर से सासंद मेनका गांधी भी थीं। मोदी सरकार 2.0 के मंत्रिमंडल में मेनका का न होना राजनीतिक पंडितों को हैरान कर रहा है।
मेनका ने कहा, सुल्तानपुर की जनता से पूछिए
मेनका ने रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर का दौरा किया। इस दौरे के दौरान उन्होंने कहा कि वह समाज के हर वर्ग का विकास बिना भेदभाव के करेंगी। मेनका ने कहा कि वह समाज के हर वर्ग का ध्यान रखकर क्षेत्र का विकास करेंगी और किसी से भी भेदभाव नहीं करेंगी। कैबिनेट में जगह न मिलने के सवाल पर उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘इसका जवाब सुल्तानपुर की जनता से लीजिए।’ जिले की कानून-व्यवस्था पर मेनका ने कहा कि ‘इसकी जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक की है। अगर एसपी अच्छा होगा तो कानून-व्यवस्था भी अच्छी होगी।’
कड़े मुकाबले के बाद मिली थी मेनका को जीत
उन्होंने कहा, ‘वह जिले के विकास के लिए अभी से काम करेंगी। जिस गांव या इलाके में काम होना है, वहां के लोग पर्ची लिखकर उन्हें दे दें।’ गौरतलब है कि, 2014 के चुनाव में पीलीभीत से बतौर सांसद निर्वाचित हुईं मेनका गांधी ने इस बार सुल्तानपुर सीट से जीत हासिल की है। इस बार मेनका ने बहुजन समाज पार्टी के चंद्र भद्र सिंह उर्फ सोनू को लगभग 14.5 हजार मतों से मात दी। सोनू ने मेनका को लगातार टक्कर दी और कई मौकों पर आगे भी रहे लेकिन बाजी अंत में मेनका के ही हाथ लगी। वह आठवीं बार संसद पहुंची हैं।
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