नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक कुत्ते के बच्चे को बचाने के लिए अनोखा रेस्क्यु ऑपरेशन चला। नाले में गिरे इस कुत्ते के बच्चे को निकालने के लिए ड्रोन का सहारा लिया गया और इस काम को अंजाम दिया लखनऊ के ही मिलिंद राज ने। 27 साल के मिलिंद राज की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में खासी दिलचस्पी है। उन्होंने एक ह्यूमनॉइड रोबॉट भी बनाया है। मिलिंद के मुताबिक करीब 15 दिन पहले जब रोज की तरह ही घर से वो सुबह टहलने निकले तो उन्होंने किसी जानवर के रोने की आवाज सुनी। वह उस आवाज के सहारे आगे बढ़े तो देखा कि नाले के अंदर एक कुत्ते का बच्चा पड़ा है।
नाला इतना गहरा और दलदल से भरा था जिसके अंदर जाना खतरा मोल लेने जैसा था। उसे बचाने के लिए सिर्फ टेक्नॉलजी का ही प्रयोग किया जा सकता था। कुत्ते के बच्चे की चीख पुकार सुनकर मिलिंद उसे नाले से कैसे निकाला जाए इस सोच में पड़ गए। फिर क्या था बिलकुल भी वक्त न जाया करते हुए मिलिंद घर वापस आए और खुद के द्वारा इजाद किए हुए एक बड़े ड्रोन में आर्टिफिशियल हाथ लगाकर कुत्ते के बच्चे को बचाने की ठानी।
मिलिंद के मुताबिक ये सब इतना आसान न था। एक रिमोट से ड्रोन और उसके साथ ही रोबोटिक आर्म को कंट्रोल करने में उन्हें करीब 8 घण्टे का वक्त लग गया। घर पर ही अपनी लैब में मिलिंद ने एआई कंट्रोलर रोबॉटिक का हाथ तैयार किया जिसमें हार्टबीट सेंसर लगा है। उसे बड़े से ड्रोन में लगाया। वह इसे लेकर नाले के पास पहुंचे और रिमोट से ड्रोन को कंट्रोल करते हुए उसे नाले के अंदर ले गए।
हाथों के सेंसर ने कुत्ते के बच्चे की हार्टबीट कैच की और उसे पकड़ लिया। फिर रिमोट से ड्रोन बाहर निकाल लिया गया। इससे कुत्ते के बच्चे कि जिंदगी बच गई। हालांकि बाहर आने के बाद उसकी हालत खराब हो गई। वह उसे डॉक्टर के पास ले गए और उसका पूरा इलाज कराया और क्योंकि कुत्ते के इस बच्चे को मिलिंद ने लिफ्ट करा कर रेस्क्यू किया था तो इसका नाम भी लिफ्टेड रख दिया। कुत्ते का बच्चा अब पूरी तरह स्वस्थ है।
मिलिंद राज इससे पहले एक हुमनोइड रोबोट भी बनाकर बीते फरवरी के महीने में हुए इन्वेस्टर समिट में सबके आकर्षण का केंद्र रह चुके हैं। मिलिंद का ये रोबोट हिंदी, इंग्लिश और संस्कृत तीनो भाषाओं का ज्ञाता है जिसकी प्रशंसा मुख्यमंत्री योगी, वित्तमंत्री अरुण जेटली से लेकर खुद प्रधानमंत्री मोदी तक कर चुके हैं। मिलिंद कहते हैं कि लोगों को मानवीय संवेदनाओं की तरह ही जानवरों के प्रति भी संवेदनशील होना चाहिए।
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