छात्रा की मौत मामले में सरकार का एक्शन, मैनपुरी के जिलाधिकारी का भी तबादला
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय की एक छात्रा की मौत के मामले में पुलिस अधीक्षक के बाद सोमवार को वहां के जिलाधिकारी का भी तबादला कर दिया गया।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय की एक छात्रा की मौत के मामले में पुलिस अधीक्षक के बाद सोमवार को वहां के जिलाधिकारी का भी तबादला कर दिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि मैनपुरी के जिलाधिकारी प्रमोद कुमार उपाध्याय का तबादला कर उन्हें गन्ना विभाग में अपर आयुक्त के पद पर तैनात किया गया। वह महेंद्र बहादुर सिंह का स्थान लेंगे जो अब मैनपुरी के नए जिलाधिकारी बनाए गए हैं।
हालांकि, उपाध्याय के तबादले को लेकर कोई कारण स्पष्ट नहीं किया गया है लेकिन इस कार्रवाई को भी मैनपुरी में सितंबर में जवाहर नवोदय विद्यालय की एक छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत प्रकरण से जोड़कर देखा जा रहा है। यह कार्रवाई इसी मामले में रविवार रात जिला पुलिस अधीक्षक अजय शंकर राय को हटाए जाने के एक दिन बाद की गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत 16 सितम्बर को मैनपुरी के भोगांव स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय की कक्षा 11वीं की छात्रा की संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले में अब तक की जांच में हुई देरी को बेहद गम्भीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक अजय शंकर राय को तत्काल प्रभाव से हटाकर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय लखनऊ से सम्बद्ध कर दिया गया था। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश भी दिये गये हैं।
गौरतलब है कि मृतका जवाहर नवोदय विद्यालय भोगांव में कक्षा 11वीं की छात्रा थी। गत 16 सितम्बर को हॉस्टल के कमरे में उसका शव फांसी से लटकता पाया गया था। परिजन ने उसकी हत्या का आरोप लगाया था। जिला प्रशासन ने घटना की सीबीआई जांच के लिए राज्य सरकार को खत लिखा था। उसके बाद सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश केन्द्र को भेज दी थी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मैनपुरी में नवोदय विद्यालय की छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की फौरन निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी। कांग्रेस नेता ने 28 नवम्बर को लिखे इस पत्र में कहा था कि छात्रा के परिवार ने इस घटना को लेकर सवाल उठाए हैं और कानूनी प्रक्रिया शुरू करने की अपील की है। सवाल यह है कि क्या प्रशासन किसी को बचाने की कोशिश कर रहा है?