लखनऊ: विभिन्न अखाड़ों से सम्बन्धित महन्तों ने आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करके उनसे इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने तथा वर्ष 2019 में वहां होने वाले अर्द्धकुम्भ के दौरान बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महन्त नरेन्द्र गिरि ने यहां संवाददाताओं को बताया कि संतों ने मुख्यमंत्री से इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने की मांग की। इसके साथ यह सुनिश्चित करने की मांग की कि उनके द्वारा घोषित 14 कथित फर्जी बाबा अगले अर्द्धकुम्भ में भाग ना लें।
गौरतलब है कि स्वयंभू बाबाओं को लेकर आये दिन सामने आ रहे विवादों के बाद संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने गत रविवार को 14 कथित फर्जी बाबाओं की सूची जारी की थी, जिसमें गुरमीत राम रहीम, रामपाल, आसाराम तथा नारायण साईं भी शामिल हैं।
इलाहाबाद का नाम बदलने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के रुख के बारे में पूछे जाने पर महन्त धर्मदास ने कहा कि योगी ने इस पर गौर करने का आश्वासन दिया है। उम्मीद है कि वह इस मांग को स्वीकार कर लेंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले अयोध्या के निर्वाणी अनि अखाड़े के महन्त धर्मदास ने बताया कि महन्तों ने मुख्यमंत्री से गुजारिश की कि अब तक जिन अखाड़ों को अर्द्धकुम्भ मेला परिसर में जगह नहीं मिल पाती थी, उन्हें राज्य सरकार जगह उपलब्ध कराए।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा योगी से मेला क्षेत्र में पेयजल की समुचित व्यवस्था तथा मेले के दौरान गंगा में पानी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने की गुजारिश भी की गयी है। धर्मदास ने बताया कि सभी महन्तों ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे गंगा नदी के निर्मलीकरण कार्य में सरकार को पूर्ण सहयोग देने के इच्छुक हैं। बैठक में जूना अखाड़ा के संत भी शामिल थे।
हाल में कई बाबाओं को फर्जी घोषित किए जाने के बारे में पूछे जाने पर महन्त ने कहा कि उन लोगों को बाबा कहना बिल्कुल गलत है। दरअसल वे गृहस्थ वर्ग से सम्बन्ध रखते हैं और उन्हें अपनी गृहस्थी पर ध्यान देना चाहिए।
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