महंत नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट आया सामने, पिछले हफ्ते भी आत्महत्या की सोच रहे थे
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के निधन के बाद आज मंगलवार को उनका सुसाइड नोट सामने आया है। सुसाइड नोट से पता चला है कि महंत नरेंद्र गिरि पिछले हप्ते भी आत्महत्या करने की सोच रहे थे।
प्रयागराज। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के निधन के बाद आज मंगलवार को उनका सुसाइड नोट सामने आया है। महंत नरेंद्र गिरि का सुसाइड नोट 8 पेज का है।सुसाइड नोट से पता चला है कि महंत नरेंद्र गिरि पिछले हफ्ते भी आत्महत्या करने की सोच रहे थे। सुसाइड नोट में कथित तौर पर नरेंद्र गिरि ने लिखा था कि वे पिछले हफ्ते भी आत्महत्या के बारे में सोच रहे थे लेकिन हिम्मत नहीं कर पाए।
सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरी ने आत्महत्या के लिए अपने शिष्य आनंद गिरि को जिम्मेदार ठहराया है और उत्तर प्रदेश प्रशासन से अपील की है कि आनंद गिरि के खिलाफ कार्रवाई करें और उसी के बाद उनकी आत्मा को शांति मिलेगी। आनंद गिरी मुझे ब्लैकमेल कर रहा था। आनंद गिरि मेरी तस्वीर वायरल करने की कोशिश कर रहा था। महंत नरेंद्र गिरि ने सुसाइड नोट में लिखा कंप्यूटर के जरिए आनंद गिरि लड़कियों के साथ मेरा वीडियो बना लेता। आनंद गिरि लड़कियों के साथ मेरी गलत तस्वीर बना देता। आनंद गिरि ने मेरा ऑडियो जारी किया था जिससे मेरी बदनामी हुई।
सुसाइड नोट में लिखा- 13 सितंबर को सुसाइड करने जा रहा था लेकिन हिम्मत नहीं हुई
सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरी ने लिखा है, "वैसे तो मैं 13 सितंबर को आत्महत्या करने जा रहा था लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया, आज जब हरिद्वार से मुझे सूचना मिली कि 1-2 दिन में आनंद गिरि (आनंद गिरि हरिद्वार में ही रहता था) कंप्यूटर से किसी लड़की या महिला के गलत काम करते हुए मेरी फोटो लगाकर फोटो वायरल कर देगा, मैने सोचा कि मैं सफाई दूंगा, एक बार तो बदनाम हो जाऊंगा, मैं जिस पद पर हूं वह गरिमामय पद है। सच्चाई तो लोगों को बाद में पता चलेगी लेकिन मैं तो बदनाम हो जाऊंगा, इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं, जिसकी जिम्मेदार आनंद गिरी, आद्या तिवारी एवं उनके लड़के संदीप तिवारी की होगी।"
ऑडियो कैसेट का किया जिक्र
सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि कहते हैं, "एक ऑडियो कैसेट आनंद गिरि जारी किया था, जिससे मेरी बदनामी हुई, आज मैं हिम्मत हार गया और मैं आत्महत्या कर रहा हूं, सोशल मीडिया, फेसबुक एवं समाचार पत्रों में आनंद गिरि ने मेरे चरित्र पर मनगढ़ंत आरोप लगाए, मैं मरने जा रहा हूं, सत्य बोलूंगा, मेरा घर से कोई संबंध नहीं है, मैने एक भी पैसा घर पर नहीं दिया। 2004 से मैं महंत बना और मठ का विकास किया। आनंद गिरि द्वारा जो भी आरोप लगाए गए उससे मेरे और मठ की बदनामी हुई।"
सुसाइड नोट के सबसे आखिर में ओम नमो नारायण लिखा है
महंत नरेंद्र गिरी ने सुसाइड नोट में लिखा जिनकी वजह से आत्महत्या की कार्रवाई हो तभी मेरी आत्मा को शांति मिलेगी। तीनों पर कार्रवाई होने के बाद ही मेरी आत्मा को शांति मिलेगी। सुसाइड नोट के सबसे आखिर में ओम नमो नारायण लिखा है।
बलबीर गिरि होंगे महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी, SIT का गठन किया गया
बलबीर गिरि महंत नरेंद्र गिरि के उत्तराधिकारी होंगे, वो तकरीबन 15 साल पुराने शिष्य हैं। नरेंद्र गिरि ने बलबीर गिरि को हरिद्वार आश्रम का प्रभारी बनाया हुआ था। महंत ने अपनी वसीयत में बलबीर गिरि को उत्तराधिकारी घोषित किया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। महंत नरेंद्र गिरि केस की जांच के लिए DIG प्रयागराज ने SIT का गठन किया है। डिप्टी SP की अगुवाई में 18 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया है। बता दें कि, पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में उनके शिष्य योगगुरु आनंद गिरि, लेटे हुए हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ की जा रही है।