लखनऊ/प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध हालात में बाघंबरी मठ में मौत मामले में फिलहाल यूपी पुलिस आत्महत्या मानकर जांच कर रही है। नरेंद्र गिरी के शिष्य अमर गिरी पवन महाराज ने आनन्द गिरि के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है, इसलिए पुलिस आनन्द गिरी से जुड़े हर पहलू की जांच कर रही है। योग गुरु आनंद गिरि को यूपी पुलिस हरिद्वार से लेकर प्रयागराज पहुंच गई है। पुलिस सिविल लाइन थाने में उनसे पूछताछ कर रही है।
आनन्द गिरि राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की आसिम तहसील के रहने वाले हैं
बाघम्बरी मठ के लोगों का कहना है कि आनन्द गिरि पहले नरेंद्र गिरि के सबसे चहेते शिष्य हुआ करते थे। आनन्द गिरि राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की आसिम तहसील के रहने वाले हैं। आनन्द गिरि के गांव का नाम ब्राह्मण की सरेरी है। बचपन में ही आनन्द गिरि हरिद्वार आ गए। करीब 18 साल की उम्र में प्रयागराज आए। आनन्द गिरि ने 2020 में सन्यास ले लिया और नरेंद्र गिरि के संरक्षण में प्रयागराज में रहने लगे। धीरे-धीरे आनन्द गिरि महंत नरेंद्र गिरी के काफी करीबी हो गए। संगम के किनारे लेटे हनुमानजी का मंदिर हो या बाघम्बरी मठ नरेंद्र गिरि बड़े महाराज जी और आनन्द गिरि छोटे महाराज कहलाने लगे।
आनन्द गिरि ने अपने को नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी बताया था
नरेंद्र गिरि का आनन्द गिरि से पहला विवाद 2013-14 में हुआ, जब आनन्द गिरि अपने को नरेंद्र गिरि का उत्तराधिकारी बताने लगे। नरेंद्र गिरि ने इसका विरोध किया और कहा कि आनन्द गिरि उनके उत्तराधिकारी नहीं सिर्फ शिष्य हैं। आनन्द गिरि का प्रभाव बढ़ता गया, आनन्द गिरि ने अपनी गंगा सेवा संस्था बना ली और माघ और कुंभ मेले में आनन्द गिरि अपना अलग शिविर भी लगाने लगे। लेटे हनुमान जी के मंदिर के महंत तो नरेंद्र गिरि थे लेकिन आनन्द गिरि वहां बहुत ताकतवर हो गए। आनन्द गिरि योग सिखाने के लिए कई बार विदेश भी जा चुके हैं।
आस्ट्रेलिया में आनन्द गिरि के खिलाफ 2 महिलाओं ने छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कराया था
आस्ट्रेलिया में आनन्द गिरि के खिलाफ दो महिलाओं ने छेड़खानी का मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें आनन्द गिरि जेल भी गए थे। कहते है कि नरेंद्र गिरि ने अपने शिष्य आनन्द गिरि को बचाने के लिए आगे आए और आनन्द गिरि आस्ट्रेलिया में इस केस से बरी हो गए। आनन्द गिरि की कई तस्वीरें लग्ज़री गाड़ियों के साथ वायरल हुई हैं। आनन्द गिरि फेसबुक पर भी काफी एक्टिव रहते। बड़े-बड़े नेताओं के साथ अपने वीडियो और फ़ोटो पोस्ट करते हैं।
बाघम्बरी मठ की करोड़ों की जमीन को लेकर आनन्द गिरि और नरेंद्र गिरि में था विवाद
धीरे-धीरे आनन्द गिरी और नरेंद्र गिरी के बीच की दूरियां बढ़ने लगी और कई दूसरे शिष्य नरेंद्र गिरि के करीबी हो गए। फिर बाघम्बरी मठ की करोड़ों की जमीन को लेकर आनन्द गिरि और नरेंद्र गिरि में इतना विवाद हो गया कि नरेंद्र गिरि ने निरंजनी अखाड़े और बाघम्बरी मठ से आनन्द गिरि को निष्कासित कर दिया। बाद में आनन्द गिरि ने माफी मांग ली लेकिन दोनों के बीच पुराने रिश्ते नहीं रहे। अब सुसाइड नोट में आनन्द गिरी का नाम आने से पुलिस इस जांच में जुटी है कि आनन्द गिरि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि को किस बात को लेकर परेशान कर रहे थे।
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