पहले ही दिन खराब हो गई लखनऊ मेट्रो, यात्रियों को इमरजेंसी गेट से निकाला गया
बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाइक ने मंगलवार को लखनऊ मेट्रो का बटन दबाकर उद्घाटन किया। करीब साढ़े आठ किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन में आठ स्टेशन हैं। ट्रांसपोर्ट नगर से शुरू होकर ये मेट्रो चारबाग स
नई दिल्ली: करीब 3 साल के इंतजार के बाद लखनऊ में शुरू हुई मेट्रो पहले ही दिन खराब हो गई जिसके बाद मेट्रो दुर्गापुरी और मवैया स्टेशन के बीच काफी देर से रुकी रही। मेट्रो में टेक्निकल स्नैग की वजह से खराबी आई जिसके बाद यात्रियों को इमरजेंसी EXIT के जरिए बाहर निकाला गया। यह करीब एक घंटे तक वहां खड़ी रही और बाद में इसे ले जाने के लिए दूसरी मेट्रो बुलानी पड़ी। ये भी पढ़ें: राम रहीम की ‘हनी’ को मुंबई में लगी हथकड़ी? जानें क्या है हनीप्रीत की गिरफ्तारी का सच
मेट्रो अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो में कुछ तकनीकी खराबी आ गई थी। इसे ठीक करने के लिए इंजीनियरों को भी बुलाया गया, लेकिन इसे ठीक नहीं किया जा सका। फिर दूसरी मेट्रो बुलाकर यात्रियों को भेजा गया। ट्रैक पर खराब मेट्रो खड़ी होने की वजह से एक ट्रैक पूरी तरह बाधित रहा। सुबह 7 बजकर 25 मिनट पर मेट्रो का संचालन फिर से शुरू हुआ।
बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाइक ने मंगलवार को लखनऊ मेट्रो का बटन दबाकर उद्घाटन किया। करीब साढ़े आठ किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन में आठ स्टेशन हैं। ट्रांसपोर्ट नगर से शुरू होकर ये मेट्रो चारबाग स्टेशन तक जाएगी। सीएम योगी ने ई श्रीधरन और लखनऊ मेट्रो के एमडी केशव कुमार को समय से पहले प्रोजेक्ट पूरा करने पर बधाई दी।
सीएम ने बताया कि लखनऊ मेट्रो का काम जो तीन साल में पूरा होना था उसे टीम ने सिर्फ दो साल में पूरा कर दिखाया। साथ ही सीएम ने पूरे यूपी में मेट्रो कॉर्पोरेशन गठन करने की बात कही। सीएम योगी ने कहा कि मेट्रो के शुरू होने के बाद शहर को ट्रैफिक की समस्या से काफी हद तक निजात मिलेगी। परियोजना के पहले चरण के तहत मेट्रो ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग के बीच साढ़े आठ किलोमीटर चलायी जा रही है। यह सेवा सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक जनता के लिए उपलब्ध होगी।
ये हैं ट्रेन की खासियत
-मेट्रो के पहियों से बिजली भी पैदा की जाएगी।
-किसी भी इमरजेंसी में मेट्रो पर कंट्रोल रूम से ही ब्रेक लगाया जा सकेगा।
-मेट्रो के एंट्री गेट तीन फीट तक के बच्चों के लिए फ्री में खुलेंगे।
-किसी इमरजेंसी में क्रू-केबिन का दरवाजा सीधे ट्रैक पर खुल सकेगा।
-कोच में लगी एलईडी रोशनी बाहर के हिसाब से कम ज्यादा खुद-ब-खुद होती रहेगी।
-यात्री इमरजेंसी के हालात में सीधे ट्रेन ऑपरेटर से बात कर सकेंगे।
-स्टेशनों पर भी यात्री सुविधाएं बेहतरीन हैं, फ्री वाई-फाई के साथ स्टेशन ग्रीन टॉयलेट से लैस हैं।
-इस मेट्रो में सुरक्षा सिस्टम भी सबसे आधुनिक है, ट्रेन काफी तेजी से रफ्तार पकड़ती है और उतनी ही तेजी से ये रोकी भी जा सकती है।
-लखनऊ मेट्रो ट्रैक पर 80 किमी की रफ्तार से दौड़ सकती है, पर अभी इसे इतनी स्पीड से चलाया नहीं जाएगा।
-पहले फेज में ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग तक मेट्रो चलाने की जो तैयारी है उसमें इसकी स्पीड 40 से 45 किमी प्रतिघंटा रहेगी।