लखनऊ: स्कूली वाहन में ओवरलोडिंग को लेकर जिला प्रशासन ने एक नया आदेश जारी किया है। इसके तहत स्कूली वाहन में ओवरलोडिंग के मामले में सिर्फ ड्राइवर और वाहन मालिक पर ही नहीं बल्कि उसमें बैठे छात्र-छात्राओं के अभिभावकों पर भी कार्रवाई होगी। जिला प्रशासन ने ये कदम स्कूली वाहनों में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के नजरिए से उठाया है। प्रशासन के इस कदम के बारे में जानकारी देते हुए डीएम कौशल राज शर्मा ने कहा कि अगर अभिभावक अपने बच्चों को ओवरलोडिंग वाली वैन में नहीं भेजेंगे तो वैन संचालक भी सुधर जाएंगे।
डीएम कौशल राज शर्मा ने हर विद्यालय में परिवहन सुरक्षा समिति गठित करने के निर्देश दे दिए हैं, जिसमें अभिभावक और परिवहन व्यवसायी भी शामिल होंगे। वहीं, डीएम द्वारा डीआईओएस डॉ मुकेश कुमार सिंह और बीएसए डॉ अमरकांत सिंह को भी इस संबंध में प्रधानाचार्यों की बैठक कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। डीएम ने बताया कि परिवहन सुरक्षा समिति स्कूली वाहनों की भौतिक जांच के साथ-साथ फीस भी तय करेगी।
वहीं, प्रशासन के इस प्रयास की अभिभावक भी प्रशंसा कर रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि ये प्रयास अच्छा है और वह इसमें सहयोग करेंगे। सभी विद्यालयों में समिति की बैठक और ड्राइवर का नेत्र परीक्षण कराने के लिए 31 जुलाई तक की समय सीमा तय की गई है। इसके साथ-साथ स्कूल वाहन चलाने वाले सभी ड्राइवरों का पुलिस वेरिफिकेशन कराकर स्मार्ट कार्ड जारी किया जाएगा। वाहन पर स्कूल का नाम और पता लिखना अनिवार्य होगा और सुरक्षा के लिए स्कूली वाहनों में प्रत्येक सीट पर बेल्ट होगी जो बच्चे लगाएंगे।
Latest Uttar Pradesh News