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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश दो हजार से अधिक श्रमिकों को लेकर गोरखपुर और लखनऊ पहुंची तीन विशेष रेलगाड़ियां

दो हजार से अधिक श्रमिकों को लेकर गोरखपुर और लखनऊ पहुंची तीन विशेष रेलगाड़ियां

खजनी इलाके के मूल निवासी आमिर की भी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। उसने कहा कि यह अब भी एक सपना जैसा लग रहा है कि वह गोरखपुर रेलवे स्टेशन पहुंच गया है। 

Lockdown Special Train- India TV Hindi Image Source : AP Lockdown Special Train

लखनऊ/कानपुर/गोरखपुर. लॉकडाउन के कारण महाराष्ट्र में फंसे श्रमिकों को लेकर कुल तीन विशेष रेलगाड़ियां सोमवार को गोरखपुर और लखनऊ पहुंचीं। नागपुर में फंसे एक हजार से अधिक प्रवासी मजदूरों को लेकर एक विशेष ट्रेन लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंची जहां स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उन्हें उनके संबंधित जिलों में भेज दिया गया।

उत्तर पूर्व रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि नागपुर से 1,021 श्रमिकों को लेकर स्पेशल श्रमिक एक्सप्रेस करीब साढ़े आठ बजे रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची। इन श्रमिकों को सामाजिक दूरी का पालन करते हुये ट्रेन से उतारा गया। उसके बाद स्टेशन पर ही उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) के क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव बोस ने बताया कि इन यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिये 44 बसों का इंतजाम किया गया था। इन बसों को पहले ही संक्रमणमुक्त कर दिया गया था। दोपहर 11 बजे सभी श्रमिकों को भोजन एंव पानी के साथ मास्क भी उपलब्ध कराये गये और बाद में इन बसों को गंतव्य की ओर रवाना किया गया। बोस ने बताया कि इस ट्रेन से उतरे यात्रियों को गोरखपुर, बस्ती, महाराजगंज, मुरादाबाद, प्रयागराज और सोनभद्र जिलों की ओर रवाना किया गया

इसके पूर्व, महाराष्ट्र के भिवंडी और वसई रोड रेलवे स्टेशनों से कुल 2,127 श्रमिकों को लेकर दो रेलगाड़ियां गोरखपुर पहुंची। गोरखपुर के उपजिलाधिकारी गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि महाराष्ट्र के भिवंडी से चली पहली रेलगाड़ी 1,145 श्रमिकों को लेकर रविवार देर रात एक बजकर 20 मिनट पर गोरखपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। वहीं, दूसरी ट्रेन 982 यात्रियों को लेकर सुबह साढ़े पांच बजे गोरखपुर जंक्शन पर आई।

उन्होंने बताया कि इन यात्रियों में से ज्यादातर गोरखपुर की खजनी, बांसगांव और गोला तहसील के रहने वाले हैं। सोगरवाल ने बताया कि जिला प्रशासन तथा रेलवे के अधिकारी इस दौरान मुस्तैद थे और रेलगाड़ियों से आए श्रमिकों एवं कामगारों की थर्मल स्क्रीनिंग तथा दस्तावेजों की जांच के बाद उन्हें बसों के माध्यम से जिले की विभिन्न तहसीलों में उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया।

इस दौरान रेलवे स्टेशन और बसों के अंदर भी सामाजिक दूरी का पूरा ख्याल रखा गया। भिवंडी के हथकरघा कारखाने में काम करने वाले मजदूर राम शबद ने अपने घर लौटने पर कहा, “मुझे खुशी है कि मैं आखिरकार अपने घर पहुंच गया। रास्ते में हमें खाना और पानी दिया गया। ट्रेन में सवार होने से पहले हमारा आधार कार्ड और पता आदि से जुड़े दस्तावेजों की जांच की गई। हालांकि मैं पृथक केंद्र से आया था लेकिन फिर भी मेरी चिकित्सीय जांच की गई। गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर भी मेरे शरीर का तापमान लिया गया और दस्तावेजों की फिर से जांच की गई।"

खजनी इलाके के मूल निवासी आमिर की भी खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। उसने कहा कि यह अब भी एक सपना जैसा लग रहा है कि वह गोरखपुर रेलवे स्टेशन पहुंच गया है। राष्ट्रीय आपदा राहत बल के इंस्पेक्टर गोपी गुप्ता ने बताया कि वह रविवार रात से ही ड्यूटी पर तैनात थे। साथ ही बताया कि ट्रेन की एक बोगी में 54 लोगों को ही सफर करने की इजाजत थी। ट्रेन में टिकट निरीक्षक और आरपीएफ स्टाफ की तैनाती भी की गई थी।

इससे पहले, रविवार को गुजरात के अहमदाबाद से 1,205 प्रवासी मजदूरों को लेकर विशेष ट्रेन कानपुर पहुंची। ये मजदूर कानपुर, कानपुर देहात, उन्नाव, फतेहपुर, जालौन, झांसी, इटावा, कन्नौज, औरैया और फर्रुखाबाद समेत 53 जिलों के रहने वाले हैं। नगर मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता ने बताया कि इन श्रमिकों की समुचित थर्मल स्क्रीनिंग की गयी। उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिये 43 बसों का इंतजाम किया गया था। कुछ मजदूरों का कहना है कि उन्हें ट्रेनों से लौटने के लिए सामान्य श्रेणी का किराया देना पड़ा।

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