मथुरा: कोरोना संकट के चलते सरकारी व गैर सरकारी अस्पताल जिस प्रकार मरीजों को या तो अपने यहां भर्ती ही नहीं कर रहे, या फिर ऐसी स्थिति बना दे रहे हैं कि मरीजों की जान पर बन आ रही है। ऐसा ही एक वाकया शनिवार को मथुरा में सामने आया। खबर के मुताबिक शुक्रवार को शहर के कोरोना संक्रमित क्षेत्र के रूप में चिह्नित (हॉटस्पॉट) रानी मंडी की रहने वाली प्रसूता अपने पति सुभाष शर्मा के साथ जिला अस्पताल में डिलीवरी के लिए पहुंची। वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों ने हॉटस्पॉट इलाके से आने की वजह से भर्ती करने से मना कर दिया। इस पर वे सीधे मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ.शेर सिंह के पास मदद के लिए पहुंचे।
सुभाष शर्मा के अनुसार उनकी समस्या जानकर सीएमओ ने उन्हें भर्ती कर अल्ट्रासाउण्ड कराने के लिए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) के लिए पत्र लिखकर दे दिया। वहां से वे लोग पुनः अस्पताल पहुंचे लेकिन फिर भी प्रसूता की अल्ट्रासाउण्ड जांच नहीं की गई और निजी अल्ट्रासाउण्ड सेण्टर से जांच कराने को कहा गया। उसके परिजनों का कहना है कि जब वे लोग कृष्णानगर स्थित सिटी स्कैन सेंटर पहुंचे तो वहां भी हॉटस्पॉट इलाके से होने के कारण जांच नहीं की गई। इस बीच काफी देर से भागदौड़ करते रहने के कारण महिला का रक्त स्राव शुरू हो गया।
सुभाष के मुताबिक शनिवार को वे दर्द से तड़पती महिला को जैसे-तैसे जिला महिला अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां जब तक उसे देखा-भाला जाता, बच्चे ने महिला के पेट में ही दम तोड़ दिया। सिटी स्कैन सेंटर के संचालक डॉ. सुधीर सिंह का कहना है कि हमें अल्ट्रासाउंड जांच करने में कोई परेशानी नहीं है। हम तो हॉटस्पॉट इलाके की होने के कारण वहां की महिलाओं की अल्ट्रासाउण्ड जांच कोरोना संक्रमण की संभावना के कारण नहीं कर रहे हैं। वे या तो कोविड-19 जांच की निगेटिव रिपोर्ट दिखाते तो मना करने का सवाल ही नहीं था। दूसरे, उन्होंने सीएमओ का लेटर भी नहीं दिखाया था।
इस संबंध में सीएमओ डॉ. शेर सिंह ने कहा, ‘जिला अस्पताल ने महिला का अल्ट्रासाउंड करने से क्यों मना किया गया, इसकी जांच कराएंगे।
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