लखनऊ. समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मजदूरों को घर वापस लाने के लिए रेल किराया वसूले जाने के निर्णय की निंदा करते हुए रविवार को कहा कि इससे साफ हो गया है कि सत्तारूढ़ भाजपा अमीरों के साथ और गरीबों की विरोधी है।
अखिलेश ने ट्वीट कर कहा कि ट्रेन से वापस घर ले जाए जा रहे गरीब, बेबस मज़दूरों से भाजपा सरकार द्वारा पैसे लिए जाने की ख़बर बेहद शर्मनाक है। आज साफ़ हो गया है कि पूँजीपतियों का अरबों माफ़ करनेवाली भाजपा अमीरों के साथ है और गरीबों के ख़िलाफ़ विपत्ति के समय शोषण करना सूदखोरों का काम होता है, सरकार का नहीं।
उन्होंने कहा, ''अब तो भाजपा के आहत समर्थक भी ये सोच रहे हैं कि अगर समाज के सबसे ग़रीब तबके से भी घर भेजने के लिए सरकार को पैसे लेने थे, तो पीएम केयर्स फंड में जो खरबों रुपये तमाम दबाव और भावनात्मक अपील करके डलवाये गये हैं, उसका क्या होगा?''
मालूम हो कि रेलवे ने लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों और कामगारों को वापस लाने के लिये 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेन चलाने के एवज में राज्य सरकारों से किराया वसूलने का फैसला किया है। इसमें स्लीपर श्रेणी का किराया, सुपर फास्ट शुल्क और भोजन तथा पानी के लिये 20 रुपये प्रति यात्री वसूला जाना है।
अखिलेश ने एक अन्य ट्वीट में आज विभिन्न अस्पतालों पर विमानों और हेलीकाप्टरों से पुष्पवर्षा किये जाने के औचित्य पर भी सवाल उठाते हुए कहा ''उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्वॉरेंटाइन सेंटर्स से बद-इंतज़ामी की ख़बरें आ रही है। कहीं इसके ख़िलाफ़ भूख हड़ताल पर बैठी महिलाओं को शासन-प्रशासन की धमकी मिली, कहीं खाने-पीने के सामान की कमी की शिकायत के बदले व्यवस्था को सुधारने का थोथा आश्वासन। ऐसे में हवाई जहाज से पुष्प वर्षा का क्या औचित्य?''
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