नोएडा. कोरोनावायरस महामारी न फैले इसके लिए सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लगाया हुआ है। इस दौरान जो प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं, उन्हें उनकी राज्य सरकार जरूरी मापदंड पूरा करते हुए निकाल भी रही है, लेकिन इस विकट परिस्थिति में भी कुछ लोग धोखेबाजी करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे ही एक प्रयास को नाकाम कर दिया है, नोएडा पुलिस ने।
दरअसल गुरुवार-शुक्रवार की आधी रात को करीब 1.30 बजे नोएडा पुलिस ने भंगेल दादरी सूरजपुर रोड पर दो प्राइवेट बसों को बिहार के लिए सवारी बैठाते हुए देखा। इन बसों के ऊपर एक बैनर लगा था, जिसपर लिखा था- 'बिहार सरकार द्वारा दिल्ली यूपी गौतमबुद्धनगर से बिहार फ्री मजदूरो की सेवा'। इन बसों की खिड़कियों पर खड़े होकर दो लोग आवाज लगा रहे थे, 'बिहार के लिए फ्री सेवा, जल्दी बैठो।'
गश्त के दौरान थाना फेस-2 पुलिस ने जब ये नजारा तो उन्हें शक हुआ। उन्होंने जब बस में सवार लोगों से सवाल जवाब किए तो पता लगा कि सवारी बैठाने के लिए जो लोग आवाज लगा रहे हैं, वो प्रति सवारी इनसे 3 हजार रुपये वसूल रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने आवाज लगा रहे लोगों से बस को बिहार ले जाने से संबंधित अनुमति दिखाने को कहा तो इसी दौरान एक व्यक्ति ने अपने मोबाइल मे जिलाधिकारी सिवान, बिहार के द्वारा जारी पास की कापी डिस्पले पर दिखाई।
हालांकि जब पुलिसकर्मियों ने मूल प्रति दिखाने को कहा तो वह व्यक्ति मूल प्रति बस के अन्दर से लाने की बात कहकर खिसक गया और अपना मोबाइल फोन भी छोड़ गया। मौके पर मौजूद दोनों बसों के ड्राइवरों ने बताया कि वह व्यक्ति बस मालिक था, जिसे वो मोनू नाम से जानते हैं। जांच पर पुलिस ने पाया कि जिलाधिकारी सिवान के द्वारा ऐसा कोई वाहन पास जारी नहीं किया गया है। इसके बाद पुलिस ने आवश्यक कार्यवाही करते हुए दोनों ड्राइवरों वकील खां, राशिद को गिरफ्तार कर लिया और दोनों बसों को जब्त कर लिया है।
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