Lakhimpur Violence: किसानों और प्रशासन के बीच समझौता, पीड़ित परिवारों को 45 लाख, होगी न्यायिक जांच
लखीमपुर में हुई हिंसा में प्रशासन और किसानों को बीच समझौता हो गया है। प्रशासन मृतक किसानों के परिवार को 45-45 लाख रुपये का मुआवजा देगा, साथ ही मामले की न्यायिक जांच होगी।
लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश): लखीमपुर में हुई हिंसा में प्रशासन और किसानों को बीच समझौता हो गया है। प्रशासन मृतक किसानों के परिवार को 45-45 लाख रुपये का मुआवजा देगा, साथ ही मामले की न्यायिक जांच होगी। किसान नेताओं और पीड़ित परिवारों के साथ प्रशासन की बातचीत के बाद यह हल निकला है। इससे एक दिन पहले एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में नौ लोगों की मौत हो गई। बातचीत के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में घोषणा के अनुसार, "उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश रविवार की हिंसा की जांच करेंगे, प्रत्येक मृतक के परिवारों को 45 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा, और झड़पों में घायल हुए लोगों को 10 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा।"
इस बीच लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने इमरजेंसी बैठक बुलाई है। ये मीटिंग मुख्यमंत्री आवास पर हो रही है। सीएम योगी ने इस इमरजेंसी मीटिंग में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना और गृह विभाग के बड़े अधिकारियों को भी बुलाया गया है। योगी आदित्यनाथ हिंसा के बाद लखीमपुर के हालात पर अधिकारियों से पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। केशव प्रसाद मौर्य ने आज के अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। मौर्य को आज चित्रकूट जाना था लेकिन वो नहीं जाएंगे। केशव मौर्य कल लखीमपुर में थे जब हिंसा की शुरुआत हुई।
बता दें कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान रविवार को यहां भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई। यह घटना तिकोनिया कोतवाली क्षेत्र के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर हुई। खबरों के मुताबिक ‘स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल’ (एसयूवी) वाहनों द्वारा कुछ प्रदर्शनकारियों को कथित तौर पर टक्कर मारे जाने के बाद नाराज किसानों ने दो एसयूवी में आग लगा दी। खीरी के जिलाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया ने तिकोनिया में मीडियाकर्मियों को बताया कि इस घटना में चार किसान और चार अन्य (एसयूवी सवार) मारे गए।
मृतक किसानों की पहचान बहराइच जिले के नानपारा निवासी दलजीत सिंह व गुरविंदर सिंह तथा पलिया-खीरी के लवप्रीत सिंह और नछत्तर सिंह के रूप में हुई है। दो एसयूवी चालकों समेत चार अन्य की पहचान अभी नहीं हो पाई है। प्रदर्शनकारी किसान, मौर्य के बनबीरपुर दौरे का विरोध कर रहे थे, जो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और खीरी से सांसद अजय कुमार मिश्रा का पैतृक गांव है। प्रदर्शनकारियों को कथित रूप से कुचले जाने की घटना से नाराज लोगों ने दो वाहनों में आग लगा दी। उन्होंने कथित तौर पर कुछ यात्रियों की भी पिटाई की।
किसानों का आरोप है कि एक वाहन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का बेटा सवार था, हालांकि मिश्रा ने आरोप को खारिज कर दिया है। इस घटना को लेकर विपक्षी दलों समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय किसान यूनियन ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और घटना के लिए भाजपा और गृह राज्य मंत्री के पुत्र को जिम्मेदार ठहराया है। इस बीच, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने एक टीवी चैनल से कहा कि कार्यक्रम में शिरकत करने आ रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को साथ लाने के लिए कुछ कार्यकर्ता जा रहे थे। रास्ते में तिकुनिया में धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कार्यकर्ताओं के वाहनों पर पथराव कर दिया जिससे एक वाहन पलट गया। उसकी चपेट में आकर कुछ लोग घायल हो गए। उनमें से शायद एक-दो लोगों की मृत्यु भी हुई है।
उन्होंने कहा कि इस घटना में उनके बेटे की कोई संलिप्तता नहीं है। घटना के वक्त उनके पुत्र कार्यक्रम में मौजूद थे। ऐसे में इस घटना में उनके बेटे की संलिप्तता का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। गृह राज्य मंत्री ने दावा किया, ‘‘कार्यकर्ताओं ने नहीं, बल्कि किसानों ने कार्यकर्ताओं पर हमला किया। वहां किसानों के रूप में कुछ अराजक तत्व भी शामिल थे। उन्होंने ही घटना को अंजाम दिया है। इस मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच होगी।’’