नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने उन्नाव बलात्कार कांड के मामले में आरोपियों के खिलाफ हत्या और अन्य आरोप तय करते हुए कहा कि भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर और उनके सहयोगियों ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के पिता को चुप कराने के लिए आपराधिक साजिश रची थी ताकि वह शिकायत पर आगे नहीं बढ़ सकें।
जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने बलात्कार पीड़िता के पिता की कथित हत्या तथा अवैध हथियार रखने के मामले में कथित तौर पर उन्हें फंसाने से जुड़े दो मामलों को जोड़ दिया। अदालत ने सेंगर और नौ अन्य पर आईपीसी की धाराओं 302 (हत्या), 506 (आपराधिक धमकी), 341 (गलत तरह से रोकना), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 193 (झूठे साक्ष्य) और शस्त्र अधिनियम की धारा 25 के तहत दंडनीय अपराधों का मामला दर्ज किया है।
अदालत ने उत्तर प्रदेश के तीन पुलिस अधिकारियों की जमानत भी निरस्त कर दी, जिनमें माखी थाने के तत्कालीन प्रभारी अशोक सिंह भदौरिया, एसआई कामता प्रसाद और कांस्टेबल आमिर खान हैं। अदालत ने उन पर हत्या के आरोप तय करने के बाद हिरासत में भेज दिया। अदालत ने आईपीसी की धाराओं 201, 218 और 466 के तहत भी आरोप तय किये।
Latest Uttar Pradesh News