लखनऊ: योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोविड-19 के आरटी-पीसीआर परीक्षणों की दरें कम कर दी हैं। इसके तहत अब निजी लैब में परीक्षण की दर 1,600 रुपये से घटाकर 700 रुपये कर दी गई है, जो देश में सबसे कम है। रोगी के घर से नमूना लेने की स्थिति में ही लैब को आरटी-पीसीआर परीक्षण 900 रुपये चार्ज करने की अनुमति दी गई है। इन दरों में जीएसटी भी शामिल है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद द्वारा जारी किए गए एक आदेश के अनुसार, निर्धारित दर से अधिक चार्ज करने पर लैब को महामारी अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई करने का सामना करना पड़ेगा।
दिल्ली सरकार ने आरटी-पीसीआर के जरिए कोविड-19 परीक्षण की दर को 2,400 रुपये से घटाकर 800 रुपये कर दिया था। उत्तराखंड सरकार ने भी इसे 1,600 रुपये से 850 रुपये और घर से नमूना लेने की स्थिति में 900 रुपये कर दिया था।
इस कदम ने लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर जैसे जिलों के लोगों को खासी राहत पहुंचाई है, जहां कोरोना का प्रकोप ज्यादा है। साथ ही उन पेशेवरों को भी मदद मिलेगी जिन्हें काम के लिए यात्रा करने पर बार-बार परीक्षण कराना पड़ता है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम कोविड-19 की निगरानी करने के लिए सरकार के अभियान में भी मदद करेगा। इससे पहले 10 सितंबर को राज्य सरकार ने कोविड-19 परीक्षण दरों को 2,500 रुपये से घटाकर 1,600 रुपये कर दिया था। महामारी की शुरूआत में, निजी प्रयोगशाला में आरटी-पीसीआर परीक्षण की दर 4,500 रुपये थी।
30 अक्टूबर को राज्य चिकित्सा शिक्षा विभाग ने घोषणा की थी कि थैलेसीमिया और हीमोफिलिया से पीड़ित रोगियों और उनके अटेंडेंट्स का मुफ्त में परीक्षण किया जाएगा। इसी तरह सरकार ने डायलिसिस ले रहे किडनी मरीजों और कैंसर मरीजों के लिए 300 रुपये में और अन्य सभी बीमारियों के रोगियों के लिए यह दर 600 रुपये तय की है।
यह निर्णय सभी चिकित्सा संस्थानों और कॉलेजों जैसे संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और अन्य के लिए हैं।
इनपुट-भाषा
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