नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के कासगंज की हिंसा में घायल एक मुस्लिम युवक अकरम का बयान सामने आया है। अकरम भीड़ के बीच अपनी पत्नी के साथ फंस गए थे। अकरम ने कहा कि कुछ लोगों ने उन्हें चोट पहुंचाने की कोशिश की लेकिन उसी भीड़ में से कुछ लोगों ने उसकी जान बचाई। अकरम के बयान के बाद आप समझ सकते हैं कि कासगंज की हिंसा में जिस युवक की जान गई, उसके परिवार पर क्या गुजर रही होगी। अकरम ने कहा कि, “उस भीड़ में कुछ अच्छे भी थे जिन्होंने मुझे छोड़ दिया। मुझको गाड़ी की चाभी वापस कर दी और जाने दिया। मेरी वाइफ की डिलीवरी थी...मैं फंस गया..कुछ लोगों ने हमपर हमला कर दिया..ईंट, पत्थर, लाठी सब मारा...उन लोगों ने यह भी नहीं सोचा कि ये यहां का नहीं है राहगीर है..।“
बता दें कि गणतंत्र दिवस पर कासगंज शहर में कथित रूप से आपत्तिजनक नारों को लेकर दो समुदायों के बीच पथराव और गोलीबारी में एक युवक की मौत की खबर आई थी जो अफवाह निकली तथा कुछ अन्य घायल हो गये थे। घटना के बाद से शहर में रह-रहकर हिंसक वारदात हुईं। मामले में अब तक 112 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इस बीच, कासगंज शहर में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। हालांकि अधिकतर बाजार अब भी बंद हैं, लेकिन सड़कों पर लोगों का आवागमन शुरू हो चुका है। बहरहाल, जिला प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को एहतियातन आज रात 10 बजे तक बंद रखा है। पुलिस, पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स की टुकड़ियां शहर में लगातार गश्त कर रही हैं। शहर की सीमाएं अब भी सील हैं।
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