कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में हुए बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के साथ घटना को अंजाम देने वाल अमर दुबे की पत्नी खुशी को किशोर न्याय बोर्ड ने नाबालिग घोषित किया है। खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र (कानपुर देहात एंटी डकैती कोर्ट) में खुशी के नाबालिग होने के संबंध में साक्ष्य दिए थे। इस पर कोर्ट ने खुशी की उम्र के निर्धारण के लिए फाइल किशोर न्याय बोर्ड को स्थानांतरित कर दी थी। खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने सुनवाई के दौरान बोर्ड में तर्क रखा कि खुशी की उम्र लगभग 16 वर्ष 10 माह है।
कोर्ट में दिए कागाजात के अनुसार, खुशी ने कक्षा 5 व 8 की परीक्षा शास्त्री नगर स्थित मां सरस्वती विद्यालय से तथा कक्षा 9 व 10 की परीक्षा पनकी स्थित शहीद चंद्रशेखर आजाद इंटर कॉलेज से पास की। शैक्षिक प्रमाणपत्रों के आधार पर खुशी का जन्म 21 अगस्त, 2003 को हुआ था। उम्र की पुष्टि के लिए हाईस्कूल का प्रमाणपत्र व अन्य शैक्षिक प्रमाणपत्र भी पेश किए। साक्ष्यों के आधार पर बोर्ड ने खुशी को नाबालिग मान लिया है।
विकास दुबे के दहिना हाथ माने जाने वाले अमर दुबे को एसटीएफ ने हमीरपुर में एक मुठभेड़ में मार गिराया था। अमर और खुशी की शादी 29 जून को हुई थी। दो जुलाई को बिकरू कांड हो गया। परिवार का आरोप था विकास दुबे ने जबरन दोनों की शादी करवाई थी, लेकिन बाद में एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें खुशी बेहद खुश नजर आ रही थी।
हालांकि बीच में सुबूत के अभाव में खुशी को पहले पुलिस ने रिहा कराने की तैयारी की थी। इसी बीच विकास के साथी शशिकांत की पत्नी मनु की कॉल रिकॉर्डिग वायरल हो गई। इसके बाद खुशी भी जांच के घेरे में आ गई। पुलिस के अनुसार क्षमा, रेखा और शांति की तरह उसे भी जेल में ही रहना पड़ेगा।
मामले की पड़ताल की गई तो खुशी के भी साजिश में शामिल होने के साक्ष्य मिले। इसके बाद उसका भी नाम जोड़ लिया गया था। आईजी मोहित अग्रवाल का कहना है कि खुशी के खिलाफ कई साक्ष्य मिले हैं।
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