नई दिल्ली: कानपुर में अपराधियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक पुलिस उपाधीक्षक सहित उत्तर प्रदेश पुलिस के कम से कम आठ कर्मी मारे गए। इस मुठभेड़ पर पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस का कहना है कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को इसकी भनक पहले हीं लग गई थी जिसके बाद जेसीबी आदि लगाकर रास्ते को बंद कर दिया गया था।
उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक एस सी अवस्थी ने बताया कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को छापेमारी की संभवत: भनक लग गई थी इसलिए उसके साथियों ने अपने ठिकाने की ओर बढ़ रहे पुलिस कर्मियों को रोकने के लिए जेसीबी आदि लगाकर रास्ते को बंद कर दिया था। पुलिस के दल को इसकी जानकारी नहीं थी। उन्होंने बताया कि रास्ता बंद होने से पुलिस दल रुका और उसी दौरान अपराधियों ने एक इमारत की छत से अंधाधुंध गोलीबारी शुरु कर दी।
अधिकारियों ने बताया कि दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत दिकरू गांव में पुलिस का दल आदतन अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने जा रहा था। उसी दौरान मुठभेड़ हो गई। दुबे के खिलाफ करीब 60 आपराधिक मामले चल रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस का एक दल अपराधी के ठिकाने के पास पहुंचने ही वाला था। उसी दौरान एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई जिसमें पुलिस उपाधीक्षक एस पी देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल मारे गए।
बता दें कि विकास दुबे कानपुर का हिस्ट्रीशीटर है और इसके ऊपर 60 मुकदमे दर्ज है। विकास दुबे इससे पहले भी थाने में घुसकर राज्यमंत्री और पुलिस कर्मी सहित कई लोगों की हत्या कर चुका है।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कानपुर नगर में कर्तव्यपालन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले 8 पुलिस कर्मियों को भावभीनी श्रद्धाञ्जलि दी है।
एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को इस दुर्दांत घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने तथा मौके से रिपोर्ट तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस महानिदेशक एच सी अवस्थी ने बताया कि विकास दुबे कानपुर का शातिर अपराधी और हिस्ट्रीशीटर है तथा उस पर 60 मामले दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि कानपुर के ही राहुल तिवारी नाम के व्यक्ति ने इसके खिलाफ एक मामला दर्ज कराया था।
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