कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों द्वारा की गई हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR के मुताबिक, घटना के दिन विकास दुबे के साथ लगभग 60-70 लोग असलहों से लैस होकर मौके पर तैनात थे। इन लोगों ने न सिर्फ पुलिसवालों पर अंधाधुंध फायरिंग की, बल्कि उनकी बेरहमी से पिटाई भी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, गोलीबारी में घायल होने के बाद पुलिसवालों को लाठी-डंडे और दूसरे हथियारों से बुरी तरह पीटा गया था।
नेपाल भाग गया विकास दुबे?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस जघन्य वारदात को अंजाम देकर विकास दुबे के नेपाल या मध्य प्रदेश भागने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने भी इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया है। कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल ने इंडिया टीवी से बातचीत में बताया कि जब तक विकास दुबे पकड़ में नहीं आता, तब तक किसी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने फोन पर बताया कि विकास दुबे को पकड़ने के लिए हम हर संभावना पर काम कर रहे हैं और उसके जितने सम्भावित ठिकाने हो सकते हैं हम हर जगह उसको पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस स्टेशन से गया था विकास को फोन!
इस बीच रविवार सुबह गिरफ्तार हुए विकास दुबे के एक साथी ने जानकारी दी है कि गैंगस्टर को पुलिस की दबिश के बारे में थाने से ही फोन गया था। उसने बताया कि गैंगस्टर विकास दुबे को पुलिस स्टेशन से ही फोन गया था कि उसके ऊपर रेड होने वाली है। दया शंकर को रविवार सुबह ही पुलिस ने एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया है। मुठभेड़ में घायल दया शंकर से पुलिस पूछताछ कर रही है। बता दें कि इस मामले में कुछ पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई भी की गई है, और घटना में उनकी संलिप्तता की जांच की जा रही है।
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