गोरखपुर. अपनी बेहतरीन खुशबू और जायके के लिये मशहूर पूर्वी उत्तर प्रदेश के ''काला नमक'' चावल की किस्म अब जापान के रेस्तरां में भी खाने को मिलेगी। गोरखपुर के रहने वाले गणेश यादव ने पहले ही जापान के सुकुबा में काला नमक चावल की बुवाई कर दी है। वह जापान में 'दी न्यू मीरा इंडिया रेस्टोरेंट' के नाम से कई रेस्तरां चलाते हैं। उनके रेस्तराओं में भारतीय व्यंजन परोसे जाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइकिल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले हीरालाल यादव ने अपनी जापान यात्रा के दौरान गणेश यादव को अपने रेस्तराओं में काला नमक चावल बनाने और परोसने की सलाह दी थी।
उन्होंने कहा, ''मैंने गणेश को सलाह दी कि वह महाराजगंज का काला नमक चावल जापान में अपने रेस्तराओं में आने वाले ग्राहकों को परोसे। उन्हें मेरा विचार पसंद आया क्योंकि वह गोरखपुर से हैं और और वह काला नमक चावल की खुश्बू व जायके से भलीभांति परिचित हैं।''
हीरालाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश विकास फोरम के महासचिव पंकज जायसवाल ने चावल के बीज जापान भेजने में मदद की। गणेश ने जापान के सुकुबा में तीन एकड़ जमीन में काला नमक चावल की बुवाई की है।
जायसवाल ने कहा, ‘‘यदि काला नमक चावल को जापान में पसंद किया जाता है, तो न केवल इसके बीच को जापान में बोया जायेगा बल्कि इसका भारत से आयात भी बढ़ेगा। इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भारतीय उत्पादों को वैश्विक बनाने का सपना भी साकार होगा। मैं सरकार से यह भी अपील करता हूं कि एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत चावल को महाराजगंज जिले का उत्पाद घोषित किया जाये।’’
वहीं हीरालाल ने कहा कि वह जापानी चावल को भी काफी पसंद करते हैं। यह चावल खिचड़ी और खीर के लिये अच्छा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जापान के चावल के बीच भारत में बोने की योजना बना रहा हैूं।’’
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