हाथरस पहुंचे AAP डेलिगेशन पर फेंकी स्याही, पुलिस हिरासत में आरोपी
आम आदमी पार्टी (AAP) का एक डेलिगेशन हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचा था। लेकिन, हाथरस में AAP डेलिगेशन पर स्याही फेंकी गई।
हाथरस: हाथरस में पीड़ित परिवार का सहारा बनने के नाम पर राजनीति से जुड़े लोग उनसे मिलने पहुंच रहे हैं। विपक्षी दलों के कई नेताओं पीड़ित परिवार से मिल चुके हैं। ऐसे में आज आम आदमी पार्टी (AAP) का एक डेलिगेशन हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचा था। लेकिन, हाथरस में AAP डेलिगेशन पर स्याही फेंकी गई। पुलिस ने स्याही फेंकने के आरोपी हिरासत में लिया है। इस डेलिगेशन में संजय सिंह, राजेन्द्र पाल गौतम और राखी बिड़लान हैं।
इससे पहले रविवार को समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल भी हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने के लिए आया था। इस दौरान पीड़ित परिवार के गांव के बाहर बड़ी संख्या में समाजवादी पार्टी के नेता जमा हुए और हंगामा करने लगे। जिसके कारण स्थिति कंट्रोल करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। मौके पर स्थिति गंभीर हो गई थी। इस हंगामे में पत्थरबाजी भी की गई थी। लेकिन, फिर पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति को कंट्रोल किया था।
रविवार को समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल, राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने हाथरस जिले के गांव में जाकर पीड़िता के परिवार से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। वहीं, इनसे पहले शनिवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने शनिवार देर शाम ही हाथरस मामले में सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश कर दी थी। हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के एक गांव में गत 14 सितंबर को दलित लड़की से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया गया था। इस दौरान गंभीर रूप से चोटिल होने पर उसे अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके बाद उसे दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल में ले जाया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी।
मृतका के परिवार ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतका के पिता ने कहा, "उन लोगों (पुलिस) ने न तो हमारी बेटी को हमें दिखाया, न हमें अंतिम संस्कार में बुलाया।" उन्होंने कहा, "उन्होंने (पुलिस) पता नहीं क्या किया है, यह तो यही लोग जानें। हमें हिंदू रीति रिवाजों के हिसाब से अंतिम संस्कार भी नहीं करने दिया। हमें कम से कम यह तो पता चले कि हमारी बेटी का ही शव जलाया है या किसी और का। यह तो हमें कुछ पता ही नहीं है। मेरी बेटी को इंसाफ मिलना चाहिए।"