#IndiaTVSamvaad: जोड़नेवाली ताकतों के आगे तोड़नेवाली ताकतें कमजोर कमजोर पड़ जाती हैं: मदनी
जमायत उलेमा हिंद के मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि समाज को जोड़नेवाली ताकतों के आगे तोड़नेवाली ताकतें कमजोर पड़ जाती हैं।
लखनऊ: जमायत उलेमा हिंद के मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि समाज को जोड़नेवाली ताकतों के आगे तोड़नेवाली ताकतें कमजोर पड़ जाती हैं। राम मंदिर पर अब अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट को करना है। महमूद मदनी इंडिया टीवी के संवाद कार्यक्रम में ये बातें कहीं। इस कार्यक्रम में मौलाना मदनी के साथ धर्मगुरु महंत धर्मदास और खालिद राशिद फिरंगी महली ने भी हिस्सा लिया।
मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा काफी पुराना है और इसपर साफ-साफ कुछ भी कहना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है और वहां जो भी फैसला होगा उसे सभी पक्ष को मंजूर करना है। मदनी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि समाज और देश को जोड़नेवाली ताकतों के आगे तोड़नेवाली ताकतें कमजोर पड़ जाती हैं। मदनी ने कहा कि धार्मिक व्यक्ति ही दूसरे धर्म का आदर करेगा। उन्होंने कहा कि हिंदू-मुस्लमानों का एक होना राष्ट्रहित में जरूरी है और प्रधानमंत्री मोदी से मुसलमानों को उम्मीद है। मदनी ने कहा कि ऐसा नेता नहीं चाहिए जो टोपी पहनकर सबको टोपी पहनाए।
वहीं बहस में शामिल महंद धर्मदास ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर को लेकर चल रहा विवाद झूठ का विवाद है, यहां पर कोई झगड़ा नहीं है, हिंदू और मुसलमान सभी चाहते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बने लेकिन कुछ अराजक तत्व ऐसा नहीं चाहते। वहीं अयोध्या को लेकर बीजेपी नेता विनय कटियार से जुड़े एक सवाल के जवाब में महंत धर्मदास ने कहा कि कटियार धार्मिक नेता नहीं हैं, वे साधु संत नहीं है, वे पूरी तरह से राजनीति व्यक्ति हैं इसलिए ऐसा बयान देते हैं।
वहीं मुस्लिम धर्मगुरु खालिद राशिद फिरंगीमहली ने कहा कि अगर राजनीति नहीं होती तो राममंदिर विवाद हल हो जाता। वहीं उन्होंने श्रीश्री रविशंकर के उस बयान को सही नहीं माना जिसमें उन्होंने कहा था कि हालात सीरिया जैसे हो जाएंगे। खालिद राशिद ने कहा कि जो भी संगठन 2019 में राम मंदिर के निर्माण के दावा कर रहे हैं वह कोर्ट की अवामानना कर रहे हैं क्योंकि मामला अभी सुप्रीम कोर्ट है और वहीं से फैसला होना है।