नई दिल्ली: बजरंग बली की जाति को लेकर जारी विवाद में उत्तर प्रदेश के मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी भी कूद पड़े हैं। चौधरी ने हनुमान जी को जाट बताया है। इसके पीछे मंत्री जी का तर्क है कि अंजाम जाने बगैर अन्याय के खिलाफ लड़ना जाटों का स्वभाव है। प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में लक्ष्मी नारायण ने यह बयान दिया। अपने बयान पर तर्क देते हुए चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि बजरंगबली जाट थे क्योंकि जाट ही दूसरों के मामलों में अपनी टांग फंसाता है। हनुमान जी मेरी जाति के थे। बताते चले कि लक्ष्मी नारायण भी जाट हैं। उनके इस बयान वहां खड़े लोग मुस्कुराने लगे।
इससे पहले बीजेपी के एमएलसी बुक्कल नवाब ने कहा था कि हनुमान जी मुसलमान थे। उन्होंने हनुमान जी के मुसलमान होने के पीछे अपने तर्क भी दिए। बुक्कल नवाज ने कहा, 'हमारा मानना है हनुमान जी मुसलमान थे, इसलिए मुसलमानों के अंदर जो नाम रखा जाता है रहमान, रमजान, फरमान, जिशान, कुर्बान आदि जितने भी नाम रखे जाते हैं वो करीब-करीब उन्हीं पर रखे जाते हैं।'
बुक्कल नवाब इससे पहले भी हनुमान मंदिर में जाकर पूजा करते रहे हैं और खुद को हनुमान का भक्त भी बताते रहे हैं। बीजेपी में शामिल होने के बाद बुक्कल नवाब ने हनुमान मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की थी।
बुक्कल नवाब से पहले यूपी के सीएम योगी ने एक चुनावी सभा में हनुमान जी को दलित बताया था। इस पर काफी राजनीति हुई थी। कई जगह भगवान हनुमान के मंदिर पर दलितों ने कब्जा करने कोशिश की थी।
दलितों का तर्क था कि जब हनुमान जी दलित थे तो इस मंदिर पर भी हमारा अधिकार होना चाहिए। अब एकबार फिर बुक्कल नवाब द्वारा हनुमान जी का धर्म बताए जाने पर राजनीति गर्माने के आसार हैं।
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