अयोध्या: मस्जिद निर्माण के लिए IICF ट्रस्ट ने जारी किया LOGO, जानिए इस्लामिक प्रतीक की खासियत
अयोध्या में बाबरी मस्जिद की जगह वैकल्पिक मस्जिद के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश केंद्रीय सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा गठित ट्रस्ट इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) ने अपना आधिकारिक लोगो जारी कर दिया है।
अयोध्या। अयोध्या। अयोध्या में मस्जिद निर्माण ट्रस्ट ने अपना प्रतीक चिन्ह जारी कर दिया है। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) ट्रस्ट ने प्रतीक चिन्ह जारी किया है। 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद के साथ अस्पताल का भी निर्माण होना है। अयोध्या में बाबरी मस्जिद की जगह वैकल्पिक मस्जिद के निर्माण के लिए उत्तर प्रदेश केंद्रीय सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा गठित ट्रस्ट इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) ने अपना आधिकारिक लोगो जारी कर दिया है। शनिवार को जारी किया गया यह लोगो बहुभुजी आकार का है। मस्जिद ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने कहा कि यह लोगो एक इस्लामी प्रतीक रब-अल-हिज्ब है।
उन्होंने बताया, "अरबी में 'रब' का अर्थ एक चौथाई है और 'हिज्ब' का मतलब एक समूह या पार्टी है। दरसअल, 60 हिज्बों में विभाजित की गई कुरान को याद करने का यह आसान तरीका है। इस प्रतीक का उपयोग अरबी कैलिग्राफी में अध्याय को चिन्हित करने के लिए मार्कर के तौर पर किया जाता है।"
शनिवार को ट्रस्ट के सचिव और सदस्यों ने जिला प्रशासन से धनीपुर में मिली 5 एकड़ जगह का निरीक्षण भी किया था। साथ ही सचिव अतहर हुसैन और ट्रस्टी इमरान अहमद शिबली समेत ट्रस्ट के अन्य सदस्यों ने धनीपुर और आसपास के गांवों के मौलवियों और मुस्लिम समुदाय के लोगों से मुलाकात की थी। इस दौरान ग्रामीणों ने मस्जिद और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं के निर्माण में पूरा सहयोग देने की बात कही।
बता दें कि ट्रस्ट इस जमीन पर मस्जिद के अलावा एक मल्टी-स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, एक सामुदायिक रसोईघर और लाइब्रेरी का निर्माण करेगा, जिनका उपयोग सभी समुदाय के लोग कर सकेंगे। वहीं, मस्जिद के नाम को लेकर ट्रस्ट पहले ही घोषणा कर चुका है कि मस्जिद बाबर के नाम पर नहीं होगी। इस प्रतिनिधिमंडल ने धनीपुर से सटे जैन धर्म के 15वें र्तीथकर के प्राचीन जैन मंदिर श्री जैन श्वेतांबर मंदिर रौनाही रत्नापुरी का भी दौरा किया।
जानिए क्या है इस लोगो की खासियत
इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के सचिव अतहर हुसैन ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि यह एक ऑक्टाग्राम के आकार का एक इस्लामी प्रतीक है। इंडो इस्लामिक आर्किटेक्चर में इसका इस्तेमाल रहा है। अगर हम इस प्रतीक के मिसाल की बात करें तो दिल्ली में बना हुमायूं का मकबरा इसी प्रतीक से मिलता जुलता बना है। मुगल बादशाह हुमायूं के मकबरे में यहे एक जाली के रुप में इस्तेमाल किया गया है। कुरान के अध्यायों की समाप्ति पर भी इस आकृति का इस्तेमाल है। अरबी में इसे 'द रूब अल हिज्ब' कहा जाता है, इसे इस्लामिक झंडे पर भी प्रयोग किया जाता है। अरबी में, रूब का अर्थ है एक चौथाई जबकि हिज्ब का मतलब एक समूह या पार्टी है।
सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के लिए जमीन देने का निर्देश दिया था
बता दें कि, उच्चतम न्यायालय ने 9 नवंबर 2019 को अपने फैसले में अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण कराने और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर 5 एकड़ जमीन देने का आदेश जारी किया था। बोर्ड ने इस जमीन पर मस्जिद के अलावा इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, एक अस्पताल, कम्युनिटी किचन, पुस्तकालय और म्यूजियम बनाने का फैसला किया था। इसके लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन नामक ट्रस्ट बनाया गया है जो मस्जिद तथा अन्य इमारतों का निर्माण कराएगा।
(इनपुट- IANS)