लखनऊ: समाजवादी पार्टी सपा के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने आज कहा कि वह राज्यसभा सदस्य अमर सिंह की मई 2016 में सपा में वापसी के पक्षधर नहीं थे। यादव ने यहां कहा अमर सिंह जी से मैंने पहले भी सपा में आने को मना किया था। हम जान रहे थे कि उनको सम्मान नहीं मिलेगा। जहां सम्मान ना मिले, वहां जाना ही नहीं चाहिये। पता कर लेना, हमने (उन्हें सपा में आने से) मना किया था।
अपने शीघ्र गठित होने वाले समाजवादी सेक्युलर मोर्चा में अमर सिंह को शामिल किये जाने की सम्भावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा अब बाद में सोचेंगे। जिसको भी इसमें लिया जाए, उसका सम्मान होना चाहिये। शिवपाल ने अगले महीने मोर्चा के गठन का ऐलान किया है। यह मोर्चा उस सपा का ही अंग होगा, जिसके अध्यक्ष उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भतीजे अखिलेश यादव हैं।
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मालूम हो कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और शिवपाल के करीबी माने जाने वाले अमर सिंह वर्ष 2010 में सपा से निष्कासन के बाद पिछले साल मई में पार्टी में वापस आये थे। माना जाता है कि मुलायम के निर्णय पर उन्हें एक बार फिर राज्यसभा भेजा गया था। हालांकि पार्टी में उनकी वापसी सपा महासचिव रामगोपाल यादव और आजम खां को नागवार गुजरी थी।
बहरहाल, अमर सिंह को गत 1 जनवरी को आयोजित सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित निर्णय के तहत पार्टी से एक बार फिर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। उसी दिन सपा अध्यक्ष बने अखिलेश यादव ने अपने परिवार में हुए विवाद के लिये सिंह को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें बाहरी व्यक्ति की संज्ञा दी थी।
सपा में अखिलेश के वर्चस्व के बाद हाशिये पर पहुंचे शिवपाल ने अब एक नई पहल के तहत समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के गठन का ऐलान किया है। इसकी औपचारिक घोषणा अगले महीने होने की सम्भावना है।
यह पूछे जाने पर कि अगर परिवार का झगड़ा शांत नहीं हुआ, तो क्या उनका मोर्चा चुनाव मैदान में उतर सकता है, शिवपाल ने कहा कि अभी तो कोई चुनाव नहीं होने हैं। लोकसभा का अगला चुनाव वर्ष 2019 में होना है। बाद में जो स्थिति बनेगी, उसके हिसाब से काम किया जाएगा।
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