हाथरस: हाथरस केस में पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए इंडिया TV की मुहिम के बाद शनिवार को गांव से पुलिस का पहरा हटा दिया गया है। पुलिस का पहरा हटते ही इंडिया टीवी पीड़ित परिवार के पास पहुंचा और उनसे बात की। इंडिया टीवी से बात करते हुए मृतका के पिता ने कहा, "उन लोगों (पुलिस) ने न तो हमारी बेटी को हमें दिखाया, न हमें अंतिम संस्कार में बुलाया।"
मृतका के पिता ने कहा, "उन्होंने (पुलिस) पता नहीं क्या किया है, यह तो यही लोग जानें। हमें हिंदू रीति रिवाजों के हिसाब से अंतिम संस्कार भी नहीं करने दिया। हमें कम से कम यह तो पता चले कि हमारी बेटी का ही शव जलाया है या किसी और का। यह तो हमें कुछ पता ही नहीं है। मेरी बेटी को इंसाफ मिलना चाहिए। पहले उसके साथ दरिंदगी हुई और फिर हमें उसका चेहरा तक नहीं देखने दिया"
वहीं, पीड़िता के भाई ने कहा कि प्रशासन लगातार उन्हें धमका रहा था। भाई ने डीएम और एसडीएम को बर्खास्त करने की मांग की। पीड़िता के भाई ने बताया कि जब डीएम साहब परिवार से मिलने पहुंचे तो परिवार ने शव न देख पाने की शिकायत की। इस पर डीएम साहब ने बोला कि आप लोग पोस्टमार्टम का मतलब जानते भी हो क्या। पोस्टमार्टम के बाद शव इस तरह क्षत विक्षत हो जाता है कि आप उसे देखकर 4 दिन तक खाना न खा पाते।
उसने कहा कि हमें 20 दिन खाना न खाना स्वीकार था लेकिन बहन को न देख पाना गलत था। भाई ने कहा कि हिंदू रीतिरिवाज में घी डालकर शव जलाते हैं, लेकिन प्रशासन ने पेट्रोल डालकर शव जला दिया। अधिकारियों ने पिता पर दबाव डालकर उनसे मुआवजे पर हस्ताक्षर करा लिए। पूरे गांव में पुलिस का डेरा था। हम बेहद घबराए हुए थे। पुलिस वालों ने कहा कि हम डीएम साहब के आर्डर का पालन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूरे गांव में 150 से ज्यादा पुलिस वाले मौजूद हैं।
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