हाथरस: उत्तर प्रदेश प्रशासन ने आखिरकार हाथरस में मीडिया को जाने की अनुमति दे दी है। यह अनुमति मीडिया को परिवार वालों से मिलने के लिए दी गई है। इससे पहले मीडिया के वहां जाने पर बैन लगा दिया गया है। आज जब इंडिया टीवी की टीम परिवार वालों से मिली तो उन्होंने न सिर्फ पिछले तीन दिनों की बंदिश की आपबीती सुनाई, बल्कि प्रशासन पर गंभीर आरोप भी लगाए। पीड़िता के भाई ने कहा कि प्रशासन लगातार उन्हें धमका रहा था। भाई ने डीएम और एसडीएम को बर्खास्त करने की मांग की।
बहन का अंतिम दर्शन न कर कर पाने का मलाल लिए पीड़िता के भाई ने बताया कि जब डीएम साहब परिवार से मिलने पहुंचे तो परिवार ने शव न देख पाने की शिकायत की। इस पर डीएम साहब ने बोला कि आप लोग पोस्टमार्टम का मतलब जानते भी हो क्या। पोस्टमार्टम के बाद शव इस तरह क्षत विक्षत हो जाता है कि आप उसे देखकर 4 दिन तक खाना न खा पाते। उसने कहा कि हमें 20 दिन खाना न खाना स्वीकार था लेकिन बहन को न देख पाना गलत था।
भाई ने कहा कि हिंदू रीतिरिवाज में घी डालकर शव जलाते हैं, लेकिन प्रशासन ने पेट्रोल डालकर शव जला दिया। अधिकारियों ने पिता पर दबाव डालकर उनसे मुआवजे पर हस्ताक्षर करा लिए। पूरे गांव में पुलिस का डेरा था। हम बेहद घबराए हुए थे। पुलिस वालों ने कहा कि हम डीएम साहब के आर्डर का पालन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पूरे गांव में 150 से ज्यादा पुलिस वाले मौजूद हैं।
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