बुलगड़ी. उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बुलगड़ी गांव पहुंचे भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने रविवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उनसे करीब घंटेभर बातचीत करने के बाद आजाद ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि पीड़ित परिवार को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिले और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज इस मामले की जांच करें।
उन्होंने कहा, "मेरे साथ पीड़िता का परिवार मौजूद था, मेरे पहुंचते ही सबसे पहले परिवार ने कहा कि वे लोग यहां सुरक्षित नहीं हैं। वे डरे हुए हैं, डर के साये में न्याय कैसे होगा।" आजाद ने कहा कि गांव में आरोपियों के पक्ष में पंचायत हो रही है, धारा 144 सिर्फ पीड़ित परिवार से मिलने से राकने के लिए लागू है, जबकि गांव में हजारों लोगों को इकट्ठा होने दिया गया।
उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को अंदेशा है कि गांव के लोग उन पर पथराव कर सकते हैं। दरिंदगी का शिकार हुई लड़की के पिता का कहना है, "हो सकता है, कोई भीड़ आकर मेरे परिवार के साथ कुछ कर देगी और वो बस सुर्खियां बन जाएंगी।"
बकौल आजाद, पीड़ित पिता ने कहा, "पूरे देश में गुस्सा है। हमें वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलनी चाहिए। कंगना रनौत को सुरक्षा मिलती है, वो देश की बेटी है तो हमारे परिवार को भी सुरक्षा मिलनी चाहिए। मेरी ये मांग है कि पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज करें, क्योंकि कई मामलों में हमने सीबीआई और दूसरी एजेंसियों का हमने दुरुपयोग होते देखा है।"
बुलगड़ी गांव में रविवार को कई राजनीतिक पार्टियां पीड़ित परिवार से मिलने पहुंची थी, वहीं सुबह से ही भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर का इंतजार किया जा रहा रहा था। बड़ी संख्या में भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं को देख पुलिस ने हाथरस से पहले ही पूरे काफिले को रोक दिया। बाद में पुलिस ने सिर्फ 10 लोगों को इजाजत दी।
गांव में चंद्रशेखर के आने से पहले गांव के बाहर सड़क पर काफी बवाल हुआ, जहां एक तरफ सवर्ण समाज के लोगों ने इकट्ठा होकर आरोपियों के समर्थन में नारे लगाए और मांग करते हुए कहा कि पीड़ित परिवार का नारकोटिक्स टेस्ट हो और जो भी दोषी हो, उसे सजा मिले। सड़क पर माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने बाहर खड़े सभी लोगों पर लाठी भांजी। सड़क पर मौजूद समाजवादी पार्टी के कई कार्यकर्ता भी चोटिल हुए।
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