मथुरा. वृन्दावन में वास कर रहीं विधवाओं ने मंगलवार को धनतेरस के पावन अवसर पर यमुना नदी के ऐतिहासिक केशी घाट पर दीपदान किया। यह नौवां साल है जब वे दीपावली का त्योहार पूरे उत्साह और उल्लास के साथ खुलकर मना पा रही हैं। कुछ परम्पराओं के अनुसार विधवा होने के पश्चात महिलाओं को परिवार की हर सामाजिक-धार्मिक गतिविधि से अलग कर दिया जाता है।
इसीलिए बंगाल, बिहार, उड़ीसा और कई राज्यों की विधवाएं वृन्दावन अथवा वाराणसी आकर अपना शेष जीवन ईश वंदना में बिताती हैं। लेकिन अब उनके भी जीवन में बदलाव आने लगा है।
इन महिलाओं के जीवन में उम्मीद का दीपक जलाने वाली गैर राजनैतिक व गैर सरकारी संस्था ‘सुलभ होप फाउंडेशन’ की उपाध्यक्ष विनीता वर्मा ने बताया, ‘‘उनकी संस्था जुलाई 1912 से ही नियमित आधार पर विधवाओं को अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा करने के अलावा चिकित्सा सुविधा और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करती है, ताकि वे अपना शेष जीवन आत्मसम्मान के साथ बिता सकें और उन्हें इसके लिए किसी अन्य पर निर्भर न होना पड़े।’’
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