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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश ग्रेटर नोएडा शाहबेरी हादसा : इसी सप्ताह हुआ था 'गृह प्रवेश', खुशियों की जगह मातम पसरा

ग्रेटर नोएडा शाहबेरी हादसा : इसी सप्ताह हुआ था 'गृह प्रवेश', खुशियों की जगह मातम पसरा

ग्रेटर नोएडा में मंगलवार रात धराशायी हुई इमारत में हाल ही में अपनी मां के साथ रहने आए शिव त्रिवेदी (25) ने इसी सप्ताहांत गृह प्रवेश की पूजा आयोजित की थी।

Greater noida Shahberi building collapse- India TV Hindi Image Source : PTI Greater noida Shahberi building  collapse

ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा  के शाहबेरी में मंगलवार रात धराशायी हुई इमारत में हाल ही में अपनी मां के साथ रहने आए शिव त्रिवेदी (25) ने इसी सप्ताहांत गृह प्रवेश की पूजा आयोजित की थी। उनके सपनों के घर को सजाने के लिए उनकी साली अपने एक वर्षीय बच्चे के साथ यहीं रुक गईं थीं। बुधवार को वे सभी एक बहुमजिला इमारत के उनकी इमारत के ऊपर ढहने से उसके मलवे में फंसे थे और इसमें उनके जीवित नहीं रहने की संभावना है।

दर्जनों बचाव कर्मी मलबे को हटाने के लिए क्रेनों और बुलडोजरों का इस्तेमाल कर रहे हैं। दूर रोते हुए खड़े त्रिवेदी परिवार के सदस्य मलवे में फंसे चारों लोगों के जीवन की प्रार्थना कर रहे थे। नोएडा की एक कंपनी में शाखा प्रबंधक शिव उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में रह रहे अपने माता-पिता के दो बेटों में छोटे हैं। तीन साल पहले बेहतर जीवन की तलाश में वे नोएडा रहने लगे थे।

उनके पिता ने कहा कि शिव परिवार के लिए आशा की किरण है और हमेशा से ही होनहार रहे हैं।शिव ने दिल्ली आने के मात्र तीन सालों के अंदर इसी मार्च में ये घर खरीदा था।शिव के एक चाचा ने आईएएनएस को बताया, "उसने काफी कम उम्र में बहुत कुछ हासिल कर लिया था। मेरी आयु 50 है और मैं अपने परिवार के लिए घर नहीं खरीद सकता। लेकिन उसने मात्र 25 वर्ष की आयु में घर खरीद लिया।"

उन्होंने अपने कार्यालय में आखिरी बार मंगलवार को रात लगभग 8.50 बजे बात की थी। लेकिन उसके बाद से उनसे संपर्क नहीं हो सका क्योंकि वे इस हादसे का शिकार हो गए। उनकी इमारत दिल्ली के व्यावसायिक केंद्र कनॉट प्लेस से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है। शिव के पिता, बड़े भाई, दो चाचा, चचेरे भाई और अन्य करीबी रिश्तेदार बुधवार सुबह तक घटनास्थल पर पहुंच गए थे।

शिव के भाई राम त्रिवेदी (27) ने आईएएनएस को बताया, "मुझे विश्वास है कि वे मलबे में हैं और उनके जीवित होने का भी पूर्ण विश्वास है लेकिन उन्हें जल्दी निकाले जाने की जरूरत है।"

पेशे से वकील राम ने कहा कि शिव ने शनिवार को गृह प्रवेश पूजा का आयोजन किया था जिसके बाद शिव की मां, साली और उनकी एक वर्षीय बेटी को छोड़कर लगभग सभी लोग मैनपुरी चले गए थे। ये लोग नए घर में कुछ दिन उनके साथ रहने और घर को व्यवस्थित करने के लिए यहीं रुक गए थे। विचलित राम ने बैठने से मना कर दिया, इस दौरान वे मुट्ठी बांधे लगातार मलबे की तरफ देख रहे थे।

परिजनों ने आरोप लगाया कि इमारत के निर्माण में बिल्डर ने घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया था। उन्होंने बचाव अभियान के देर से शुरू होने की भी शिकायत की, जिससे इमारत में फंसे हुए लोगों के जीवित बचने की उम्मीद कम हो गई है। शिव के एक रिश्तेदार ने क्षेत्र में नियमों में ढिलाई का आरोप लगाते हुए कहा, "इतना समय हो गया है और हमारे परिवार का अभी तक कोई पता नहीं लगा है। उन्होंने अगर रात में ही बचाव अभियान शुरू किया होता तो मेरे परिवार को बचाया जा सकता था।" (IANS)

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