ग्रेटर नोएडा में बिल्डिंग कैसे बनी 'कब्रगाह' और कौन है इस हादसे का गुनहगार?
जो छह मंजिला मकान गिरा वो सिर्फ एक साल पहले बना था लेकिन ना सही तरीके से नींव डाली गई थी और ना ही सुरक्षा मानकों का ख्याल रखा गया था। उसी के पास चार मंजिला इमारत बन रही थी और दोनों के बीच एक छोटी सी गली थी।
नई दिल्ली: दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में दो बिल्डिंग गिरने के बाद राहत और बचाव का काम अबतक जारी है। मंगलवार रात करीब 9 बजे चार मंजिला इमारत के ऊपर एक छह मंजिला इमारत गिर गई थी। इस हादसे में अबतक 3 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं। मलबे में अब भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है जिन्हें निकालने में एनडीआरएफ और नोएडा पुलिस की टीम लगी है। इस बीच पुलिस ने बिल्डर समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ग्रेटर नोएडा के इस इलाके में बिना नक्शा पास कराए अवैध तरीके से बिल्डिंग्स बनाई जा रही है।
क्या हुआ उस रात
-मंगलवार की रात करीब 9 बजे दो इमारतें गिरीं
-रात 9:30 बजे बिसरख थाने की पुलिस मौके पर पहुंची
-रात 11 बजे बड़े हादसे की सूचना पर एसपी, डीएम पहुंचे
-रात 11:30 बजे एनडीआरएफ की टीम पहुंची, रेस्क्यू जारी
-डॉग स्कवॉयड की मदद से जिंदा लोगों का पता लगाने की कोशिश
-रात 1:15 बजे मलबे से दो शव निकाले गए
-रात 2:00 बजे जेसीबी मशीन से मलबा हटाने का काम जारी
जो छह मंजिला मकान गिरा वो सिर्फ एक साल पहले बना था लेकिन ना सही तरीके से नींव डाली गई थी और ना ही सुरक्षा मानकों का ख्याल रखा गया था। उसी के पास चार मंजिला इमारत बन रही थी और दोनों के बीच एक छोटी सी गली थी। 6 मंजिला मकान सामने की चार मंजिला इमारत पर इस तरह गिरा कि मकान के अंदर रह रहे लोगों के लिए बचकर निकलने का कोई मौका ही नहीं मिला।
क्यों गिरी इमारत?
-इमारत बनाने में नियमों का उल्लंघन किया गया
-बिल्डर ने अवैध बिल्डिंग का निर्माण किया था
-इमारत बनाने में सेफ्टी नियमों का ध्यान नहीं रखा गया
-बिल्डिंग बनाने में घटिया सामग्री लगाई गई
-प्रशासन के मुताबिक, निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल
-बिल्डिंग बनाने का नक्शा भी पास नहीं कराया गया था
-इलाके में सीवर, सड़क और पानी निकासी की व्यवस्था नहीं
इमारत गिरने के करीब दो घंटे बाद एनडीआरएफ की टीम पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। इसके साथ ही मलबे में दबे जिंदा लोगों की तलाश शुरू हुई। इस काम में खोजी कुत्तों को भी लगाया गया। मंगलवार रात दो शव निकाले गए और तीसरा शव बुधवार की सुबह मलबे से बाहर निकाला गया लेकिन अभी 25 से 30 लोग मलबे के नीचे दबे हो सकते हैं।
एक साथ दो इमारतें गिरीं तो स्थानीय प्रशासन हरकत में आया। हादसे के बाद बिल्डर गंगा शरण द्विवेदी समेत तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि घर बेचने वाला ब्रोकर कासिम फरार है लेकिन प्रशासन को ये पता ही नहीं है कि इमारत में कितने परिवार रहते थे और क्या बिल्डिंग अवैध तरीके से बनी थी।