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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश कानून बनाने से पहले सरकार बताए कि उसके मंत्रियों के कितने बच्चे हैं: सलमान खुर्शीद

कानून बनाने से पहले सरकार बताए कि उसके मंत्रियों के कितने बच्चे हैं: सलमान खुर्शीद

उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रस्तावित विधेयक को लेकर छिड़ी बहस के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि ''कानून बनाने से पहले सरकार को बताना चाहिए कि उसके मंत्रियों के कितने बच्चे हैं।''

salman khurshid- India TV Hindi Image Source : PTI (FILE PHOTO) कानून बनाने से पहले सरकार बताए कि उसके मंत्रियों के कितने बच्चे हैं: सलमान खुर्शीद

फर्रुखाबाद (उप्र): उत्तर प्रदेश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रस्तावित विधेयक को लेकर छिड़ी बहस के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि ''कानून बनाने से पहले सरकार को बताना चाहिए कि उसके मंत्रियों के कितने बच्चे हैं।'' पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद अपनी पत्नी एवं पूर्व विधायक लुईस खुर्शीद के साथ दो दिवसीय दौरे पर रविवार को फर्रुखाबाद पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कोविड-19 जांच केंद्रों का आरंभ किया। इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘सरकार को जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने से पहले यह सूचना देनी चाहिए कि उनके मंत्रियों के कितने बच्चे हैं, उसके बाद विधेयक लागू करना चाहिए।''

उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण विधेयक के एक मसौदे के अनुसार दो-बच्चों की नीति का उल्लंघन करने वाले को स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने, सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने, पदोन्नति और किसी भी प्रकार की सरकारी सब्सिडी प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा। राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण एवं कल्याण) विधेयक-2021 का प्रारूप तैयार कर लिया है। उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग (यूपीएसएलसी) की वेबसाइट के अनुसार, ‘‘राज्य विधि आयोग, उप्र राज्य की जनसंख्या के नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण पर काम कर रहा है और एक विधेयक का प्रारूप तैयार किया गया है।’’

राज्य विधि आयोग ने इस विधेयक का प्रारूप अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया है और 19 जुलाई तक जनता से इस पर राय मांगी गई है। विधेयक के प्रारूप के अनुसार इसमें दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरियों में आवेदन से लेकर स्थानीय निकायों में चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का प्रस्ताव है तथा सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं दिए जाने का जिक्र है।

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