नई दिल्ली: भाजपा के पूर्व नेता व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक केएन गोविंदाचार्य ने अयोध्या विवाद मामले की आगामी कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग कराने की मांग करते हुए शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि अयोध्या विवाद को सुलझाने की मध्यस्थता की प्रक्रिया असफल रही और कोई सौहार्दपूर्ण समाधान नहीं मिल पाया है। इसके परिणामस्वरूप सुप्रीम कोर्ट 6 अगस्त से प्रतिदिन सुनवाई शुरू करेगी।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला की अध्यक्षता में आठ मार्च को गठित की गयी तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति की रिपोर्ट का संज्ञान लिया कि इस विवाद का सर्वमान्य हल खोजने के उसके प्रयास विफल हो गये हैं।
न्यायमूर्ति कलीफुल्ला की अध्यक्षता वाली इस समिति ने करीब चार महीने तक माध्यस्थता के माध्यम से इस विवाद का समाधान खोजने का प्रयास किया था। मध्यस्थता समिति ने इस विवाद का समाधान खोजने के लिये अयोध्या से करीब सात किलोमीटर दूर फैजाबाद में बंद कमरे में संबंधित पक्षों से बातचीत की थी। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘हमें मध्यस्थता समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति कलीफुल्ला द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट मिल गयी है। हमने इसका अवलोकन किया है। मध्यस्थता कार्यवाही से किसी भी तरह का अंतिम समाधान नहीं निकला है। इसलिए हमें अब लंबित अपील पर सुनवाई करनी होगी जो छह अगस्त से शुरू होगी।’’
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