चुनाव आयोग के ख़ास वोटिंग मशीन के प्रस्ताव को सरकार ने किया ख़ारिज
नयी दिल्ली: सरकार ने चुनाव आयोग के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है जिसमें उसने ऐसी वोटिंग मशीन लाने की मांग की थी जिसमें मतगणना के दौरान मतदान की प्रवृत्ति का खुलासा होने से
नयी दिल्ली: सरकार ने चुनाव आयोग के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है जिसमें उसने ऐसी वोटिंग मशीन लाने की मांग की थी जिसमें मतगणना के दौरान मतदान की प्रवृत्ति का खुलासा होने से रोका जा सके।
प्रमुख राजनीतिक दल भी इस बात पर बंटे हुए हैं कि गोपनीयता को बढ़ावा देने वाली ऐसी मशीन लाई जाए या नहीं जिसमें बूथवार नतीजों का खुलासा न हो।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाले मंत्री समूह ने योगांक वाली मशीन के प्रस्ताव के खिलाफ फैसला किया और विधि मंत्रालय द्वारा इस बारे में मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी को जानकारी दे दी गई।
इस प्रस्ताव को खारिज करने की सटीक वजह अभी सामने नहीं आई है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर पांच सदस्यीय दल का गठन किया गया था जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल को ये अनुशंसा करनी थी कि इस मशीन का इस्तेमाल हो सकता है या नहीं।
ये मशीन मतदान के बाद ईवीएम की नियंत्रण इकाई से जुड़ी रहेगी और ये पूरा नतीजा दिखाएगी। मशीन बूथवार नतीजे नहीं दिखाएगी, इसलिए राजनीतिक दलों को ये नहीं पता चल सकेगा कि किस इलाके ने उनके लिए मतदान किया या नहीं किया ।
इससे पहले जब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल नहीं होता था तब विभिन्न बूथों के मत पत्रों को गणना से पहले हाथ से मिलाया जाता था जिससे मतदान की प्रवृत्ति को छिपाया जा सके।
इस मशीन के इस्तेमाल को लेकर राजनीतिक दलों की राय बंटी हुई है।
चुनाव आयोग के मुताबिक कांग्रेस, राकांपा और बसपा सिरे से योगांक मशीन के इस्तेमाल के प्रस्ताव के समर्थन में हैं, जबकि सत्ताधारी भाजपा का मानना है कि बूथ प्रबंधन के लिए बूथवार प्रदर्शन महत्वपूर्ण होता है।
आयोग ने विधि मंत्रालय को बताया, माकपा ने सैद्धांतिक रूप से इस प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए कहा कि योगांक मशीन के पुख्ता तरीके से काम करने को लेकर पूरी तरह सतर्क रहना चाहिए और इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाना चाहिए।
पिछले साल मार्च में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय और प्रांतीय दलों की चुनाव सुधारों को लेकर बुलाई गई बैठक का संदर्भ देते हुए आयोग ने विधि मंत्रालय को बताया कि भाकपा ने इस नयी मशीन के इस्तेमाल को लेकर कोई विशिष्ट नजरिया पेश नहीं किया। इस बैठक में योगांक मशीन पर चर्चा हुई थी।
दिल्ली के एक मात्र मान्यता प्राप्त दल आम आदमी पार्टी ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया जबकि तृणमूल कांग्रेस ने इसका विरोध किया था।