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Hindi News भारत उत्तर प्रदेश डॉ. कफील खान पर बड़ा खुलासा, आधी रात के हीरो से कैसे बने गोरखपुर कांड के 'विलेन'?

डॉ. कफील खान पर बड़ा खुलासा, आधी रात के हीरो से कैसे बने गोरखपुर कांड के 'विलेन'?

बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के नोडल आफिसर डॉ. कफील खान को कल रात उनके पद से हटा दिया गया। कफील को पहले उनके काम के लिये हीरो बनाया गया था लेकिन अब वह जीरो हो गये है।

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गोरखपुर: बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग के नोडल आफिसर डॉ. कफील खान को कल रात उनके पद से हटा दिया गया। कफील को पहले उनके काम के लिये हीरो बनाया गया था लेकिन अब वह जीरो हो गये है। मीडिया ने उन्हें पहले बच्चों की जान बचाने के लिये गैस सिलेंडर का इंतजाम करने वाला एक अच्छा व्यक्ति बताया था लेकिन अचानक वह विलेन हो गये और अधिकारियों ने उन्हें उनके पद से हटा दिया।

कफील खान पर बड़ा खुलासा

गोरखपुर में बच्चों के डॉक्टर कफील खान पर सरकार कार्रवाई हो सकती है। कफील खान पर गंभीर आरोप लगे हैं और इन सभी आरोपों की जांच शुरू की जा चुकी है। मेडिकल एजुकेशन के डीजी के मुताबिक कफील प्राइवेट प्रेक्टिस की बात कबूल कर चुके हैं और जैसे जैसे जांच आगे बढ़ रही है उन पर लगने वाले आरोपों कि लिस्ट लंबी होती जा रही है। मेडिकल एजुकेशन विभाग को ये भी पता चला है कि डॉक्टर कफील अस्पताल का सामान अपने नर्सिंग होम में ले जाते थे और उस रात जब ऑक्सीज़न की कमी की खबर आई तो डॉक्टर कफील जो सिलेंडर लेकर आये थे उस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

डॉ. कफील खान का सच क्या ?

  • गोरखपुर में ही मेडिस्प्रिंग चिल्‍ड्रन हॉस्पिटल नाम से एक नर्सिंग होम चलता है
  • नर्सिंग होम को डॉक्टर कफील की पत्‍नी डॉक्‍टर शबिस्‍ता खान चलाती हैं
  • कफील खान इस नर्सिंग होम में प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं
  • उनका नाम नर्सिंग होम के बोर्ड और कैलेंडर पर भी लिखा हुआ था
  • कफील खान सरकारी डॉक्टर रहते हुए प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे थे..जबकि वो सरकारी नौकरी ज्वाइन करते वक्त प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं करने का हलफनामा दे चुके थे..

अस्पताल के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने संविदा पर डॉक्टर के पद पर यहां ज्वाइन किया था। बाद में पूर्ववर्ती सरकार (अखिलेश यादव) के समय उनकी स्थायी नियुक्ति हुई थी। पहले की सरकार में उनका काफी रूतबा था।

कॉलेज सूत्रों के अनुसार मीडिया में उन्होंने ऐसी खबरे चलवाई जिसमें उन्हें बच्चों की जान बचाने वाला बताया गया था। यह भी बताया जाता है कि डॉ कफील एक 50 बिस्तर वाला बच्चों का अस्पताल चलाते है जिसकी मालिक उनकी पत्नी और दंत रोग विशेषज्ञ डॉ शबिस्ता खान है। सूत्रों ने बताया कि वह मेडिकल कॉलेज की खरीद कमेटी के सदस्य भी थे और उन्हें इस बात की पूरी जानकारी थी कि मेडिकल कॉलेज को आक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करने वाली कंपनी के बिल बकाया है।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इस दुखद घटना के कुछ देर बाद डॉ कफील ने पत्रकारो से बातचीत में कहा था पिछले कुछ दिनों से सभी डॉक्टर अपना काम पूरी मेहनत से काम कर रहे है। कुछ लोग सोशल मीडिया पर ऐसा अभियान चला रहे है कि मैं मुस्लिम हूं, उन्हें ऐसा नही करना चाहिये। मैं साफ कर देना चाहता हूं कि मैं पहले भारतीय हूं और मैं जो भी कर रहा हूं वह एक डॉक्टर की हैसियत से कर रहा हूं।

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