गोरखपुर उपचुनाव: सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी ये सीट, कल डाले जाएंगे वोट
गोरखपुर लोकसभा सीट पिछले करीब तीन दशक से बीजेपी के पास है।
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश की दो लोकसभी सीटों के उपचुनाव के लिए 11 मार्च यानि कल मतदान होना है। गोरखपुर और फूलपुर दोनों लोकसभा सीटों के बेहद प्रतिष्ठापूर्ण उपचुनाव के लिये सारी राजनीतिक पार्टियों ने पूरी ताकत लगा दी है। सभी पार्टियां का प्रचार शुक्रवार शाम पांच बजे थम गया है अब मतदाता रविवार को अपना मत देंगे। गोरखपुर लोकसभा सीट की बात करें तो ये सीट खुद सीएम योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। इस सीट पर 10 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा, सपा और कांग्रेस के बीच ही माना जा रहा है। बसपा ने उपचुनाव में प्रत्याशी नहीं खड़े किये हैं। भाजपा ने इस सीट पर उपेन्द्र दत्त शुक्ला को टिकट दिया है तो वहीं सपा ने गोरखपुर से प्रवीण निषाद को टिकट दिया है। कांग्रेस की तरफ से इस सीट पर सुरहिता करीम चुनावी मैदान में हैं। गोरखपुर सीट भाजपा के लिये, खासकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिये प्रतिष्ठा का सवाल है। ये सीट हमेशा से बीजेपी का और गोरखनाथ मठ का गढ़ मानी जाती रही है। 11 मार्च को होने वाले मतदान के नतीजे 14 मार्च को आएंगे।
गोरखपुर लोकसभा सीट का इतिहास
ये सीट पिछले कई चुनावों से बीजेपी के पास है। गोरखनाथ मठ के महंत यहां पर चुनाव जीतते रहे हैं। महंत दिग्विजय नाथ साल 1967 और 1970-71 में यहां में निर्दलीय चुनाव जीत चुके हैं। उसके बाद महंत अवैद्यनाथ पहले हिन्दू महासभा और फिर भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर जीतकर यहां से तीन बार लोकसभा पहुंचे हैं। साल 1998 से पांच बार जीतकर यहां योगी आदित्यनाथ लोकसभा पहुंचते रहे हैं। इस बार बीजेपी ने मठ से बाहर टिकट दिया है।