गाज़ियाबाद. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने पूरे देश में जमकर तांडव मचाया। इस दौरान संक्रमित हुआ तकरीबन हर व्यक्ति लाचार और मजबूर दिखाई दिया लेकिन समाज में कुछ ऐसे भी लोग थे जो इस महामारी के बीच एक दूसरे व्यक्ति की हाथ पकड़कर उसकी मदद कर रहे थे। गाजियाबाद के इंदिरापुरम इलाके के ATS एडवांटेज अपार्टमेंट के कुछ लोगों ने मिलकर SOS वॉर रूम के नाम से एक ग्रुप बनाया। जिसमे 14 लोग आगे आए और महामारी में परेशान लोगों को हर संभव मदद का बीड़ा उठाया और युद्ध स्तर पर काम में जुट गए
जिसने भी इस ग्रुप से मदद की आवाज लगाई, ग्रुप के लोगों ने उसके लिए जान लगा दी। ऐसी महामारी में जब हर कोई अपनी जान बचाने को घर से बाहर निकलने से भी डर रहा था। ऐसे में इस ग्रुप में शामिल लोग रात-रात भर जगकर किसी को हॉस्पिटल में भर्ती करवाने के लिए संघर्ष करते रहे तो किसी को ऑक्सीजन दिलाने के लिए भाग दौड़ करते रहे।
अपार्टमेंट निवासी ओसो हेमन्त ने बताया कि सोसायटी में करीब 4 साल पहले हुई एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गयी थी, वे अकेले ही रहते थे। उनके अंतिम संस्कार को कोई आगे नही आया ,तब need in emergency के नाम से एक ग्रुप बनाया गया, जिसमे 257 लोग जुड़ गए और एक दूसरे की मदद करते रहे। लेकिन जब कोरोना महामारी की दूसरी लहर आयी और लोगों की परेशानियां बढ़ने लगी तब अप्रैल महीने में sos वॉर रूम बनाया गया। इस ग्रुप ने 300 से ज्यादा लोगों को मदद पहुंचाई, इनमे करीब 25 लोग तो ऐसे थे जिनकी हालात बेहद गंभीर थी।
सोसायटी निवासी देबोलीन ने बताया कि काफी मुश्किल वक्त था, लोगों को ऑक्सीजन नही मिल रही थी, हॉस्पिटल में बेड की किल्लत थी, दवाइयां और प्लाज़्मा नहीं मिलने की वजह से लोगों की जान बचानी मुश्किल हो रही थी लेकिन हम सभी लोगों ने मिलकर एक दूसरे का साथ दिया। जिसकी जहां पहुंच थी, मदद मांगी गई और फिर कामयाबी मिली। इस दौरान पुलिस ने काफी ज्यादा मदद की। अब तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी भी की जा रही है।
इस ग्रुप ने 11 ऑक्सीजन कॉन्स्ट्रेटर आपसी सहयोग से खरीदे हैं और 9 ऑक्सीजन सिलेंडर रिजर्व किए हैं। सीमा गर्ग ने बताया कि तीसरी लहर को लेकर कहा जा रहा है कि बच्चे ज्यादा चपेट में आ सकते है तो इसके लिए 7 बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम तैयार की गई है। दो मनोचिकित्सकों को भी शामिल किया गया जो आपदा से बाहर आने वाले लोगों की काउंसलिंग कर रहे है। तीसरी लहर में बच्चों के लिए क्या प्रोटोकॉल होगा, उसकी जानकारी सोसायटी में दी जा रही है। पहले से लोग जागरूक रहेंगे तो कम परेशानी होगी।
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