शामली. कैराना से पूर्व सांसद तबस्सुम हसन (50) और समाजवादी पार्टी से उनके विधायक बेटे नाहिद हसन (32) सहित 38 अन्य समर्थकों के खिलाफ शामली पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की है। कैराना पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में विधायक को गैंग लीडर बताया गया है। कैराना के एसएसओ प्रेमवीर राणा द्वारा दर्ज प्राथमिकी में दावा किया गया है कि इलाके में इस गैंग का आतंक फैला हुआ है और डर के मारे लोग इनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का साहस नहीं जुटा पाते हैं।
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इस बीच तबस्सुम हसन ने कहा, "यह एफआईआर उनके खिलाफ रची गई एक साजिश है। आम आदमी के लिए चिंता जताने और सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को निशाना बनाया जा रहा है। इससे लड़ने के लिए हम कानून की मदद लेंगे।"
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साल 2018 के उपचुनाव में राष्ट्रीय लोक दल की तबस्सुम हसन 2014 के बाद से लोकसभा में प्रवेश करने वाली उत्तर प्रदेश की पहली मुस्लिम उम्मीदवार बनीं थी। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी मृगांका सिंह को हराया था। 2009 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने मृगांका के पिता और भाजपा के वरिष्ठ नेता हुकुम सिंह को हराया था, तब वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ थीं। हालांकि साल 2019 के चुनाव में भाजपा के प्रदीप चौधरी ने उन्हें मात दे दी।
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तीन बार सांसद और दो बार विधायक रह चुके उनके पति मुनव्वर हसन 2004 में लोकसभा के लिए चुने गए, लेकिन 2008 में एक दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। कैराना से दो बार विधायक रह चुके हसन के बेटे नाहिद को जनवरी, 2020 में धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें जमानत दे दी गई थी।
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