जुमे की नमाज को लेकर पूरे उत्तर प्रदेश में था अलर्ट, जानिए कैसा रहा प्रदेश का हाल
मुरादाबाद, अमरोहा और हाथरस जिलों से मिली खबरों के मुताबिक विभिन्न मस्जिदों में जुमे की नमाज शांतिपूर्वक संपन्न हो गयी। पुराने लखनऊ की ऐतिहासिक टीले वाली मस्जिद के बाहर अर्द्धसैनिक बलों के जवान भारी संख्या में तैनात थे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शुक्रवार को जुमे की नमाज शांतिपूर्वक संपन्न हो गयी। पिछले सप्ताह जुमे की नमाज के बाद संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई व्यापक हिंसा के मद्देनजर कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किये गये थे। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘पूरे प्रदेश में शांति रही।''
उन्होंने बताया कि प्रदेश के किसी भी हिस्से से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। राज्य में भारी सुरक्षा बंदोबस्त किया गया है। संवेदनशील इलाकों में केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल के जवान तैनात किये गये हैं। ड्रोन कैमरों की मदद से निगरानी की जा रही है। इंटरनेट सेवाएं बंद हैं ताकि कोई अफवाह ना फैलने पाये। एक सवाल के जवाब में डीजीपी ने बताया कि राज्य में हिंसक प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या 19 है।
मुरादाबाद, अमरोहा और हाथरस जिलों से मिली खबरों के मुताबिक विभिन्न मस्जिदों में जुमे की नमाज शांतिपूर्वक संपन्न हो गयी। पुराने लखनऊ की ऐतिहासिक टीले वाली मस्जिद के बाहर अर्द्धसैनिक बलों के जवान भारी संख्या में तैनात थे। सुबह से ही सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद थी। उत्तर प्रदेश के संवेदनशील जगहों पर लगातार गश्त की जा रही थी।
हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। अलग अलग जिलों में 372 लोगों को नोटिस दिये गये हैं। गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने बृहस्पतिवार को बताया कि हिंसा में मरने वालों की संख्या 19 है। हिंसा में 288 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से 61 फायरिंग में जख्मी हुए हैं।
उन्होंने बताया कि 327 प्राथमिकी दर्ज की गयी हैं जबकि 5558 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया है। करीब एक हफ्ते तक बंद रही इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गयी थीं लेकिन एहतियातन कई जगहों पर इसे फिर बंद कर दिया गया है ताकि सोशल मीडिया से किसी तरह की अफवाह ना फैलने पाये।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सबसे अधिक 200 नोटिस मुरादाबाद में दिये गये। लखनऊ में 100, गोरखपुर में 34 और फिरोजाबाद में 29 लोगों को नोटिस दिये गये हैं। हिंसा में कथित रूप से शामिल होने के लिए प्रदेश भर में 1113 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
प्रदेश के डीजीपी ने बताया कि शांति व्ययवस्था बनाये रखने के लिए केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के लगभग 3500 जवान और पीएसी के 12 हजार जवान तैनात किये गये हैं। एहतियातन गाजियाबाद, बुलंदशहर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली और आगरा सहित 20 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं।
संशोधित नागरिकता कानून को लेकर पिछले शुक्रवार जुमे की नमाज के बाद हुए प्रदर्शनों के मद्देनजर गोरखपुर पुलिस ने शुक्रवार ज़ुमे की नमाज़ को लेकर जबरदस्त सुरक्षा बंदोबस्त किया। गोरखपुर के जिलाधिकारी और एसएसपी ने अन्य अधिकारियों एवं पुलिस बल के साथ जिले के संवेदनशील इलाकों में बृहस्पतिवार को फ्लैग मार्च किया था। सभी थानाक्षेत्रों में पीस कमेटी के साथ बैठकें भी की गई।
जिला अधिकारी विजयेंद्र पंडियन ने बताया कि शुक्रवार को पुलिस बल के साथ अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गयी है और ड्रोन कैमरे भी लगाये गये हैं। एसएसपी सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि पुलिस कोतवाली क्षेत्र में कड़ी चौकसी बरत रही है। जुमे की नमाज से पहले ही संवेदनशील इलाकों में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गयी थी। पिछले शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान शहर में हिंसा हुई थी।
कानपुर के एसएसपी अनंत देव तिवारी ने बताया कि आरंभिक जांच से पता चला है कि हिंसा में बांग्लादेशियों और कश्मीरियों सहित बाहरी तत्वों का हाथ है। उन्होंने कहा कि इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि हिंसा में बाहरी लोग शामिल थे। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिंसा के पीछे पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) का हाथ होने की आशंका है। पीएफआई प्रतिबंधित आतंकी संगठन स्टूडेंटस इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) से प्रभावित है।