पीएम आवास योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, दूसरों के पहचान पत्र पर दे दिए 'अपने लोगों' को मकान
प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस मामले में पांच अफसरों के खिलाफ धोखाधड़ी और गलत रेकॉर्ड तैयार करने की शिकायत दर्ज कराई गई है।
लखनऊ: प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस मामले में पांच अफसरों के खिलाफ धोखाधड़ी और गलत रेकॉर्ड तैयार करने की शिकायत दर्ज कराई गई है। इनपर आरोप है इन्होंने यहां फर्जी तरीके से दूसरे के पहचान पत्र पर खाता खोलकर 15 अपात्र लोगों को मकान दे दिए। मामला उत्तर प्रदेश के बाराबंकी का है। जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेश के बाद की है। हाईकोर्ट खुद इस मामले की निगरानी कर रहा है।
बाराबंकी के रामनगर तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत शेखपुर अल्लीपुर में फर्जी तरीके से दूसरे के पहचान पत्र पर खाता खोलकर 15 अपात्रों का आवास देने के मामले में कोतवाली फतेहपुर में एडीओ पंचायत पूरेडलई, एडीओ पंचायत रामनगर, एक रिटायर्ड एडीओ पंचायत सहित पांच अफसरों के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचित रेकॉर्ड तैयार करने की शिकायत दर्ज कराई गई। मामले की शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच अधिकारियों से कराई, तो इसमें मामला सही पाया गया।
इसके बाद डीएम के आदेश पर सभी के खिलाफ फतेहपुर कोतवाली में केस दर्ज कराया गया और आगे की जांच शुरू कर दी गई है। कोतवाली फतेहपुर में दर्ज कराए गए मुकदमे में रामनगर के बीडीओ ने कहा है कि रामनगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत शेखपुर अलीपुर के निवासी रामलखन ने 9 जून को एक शिकायत की थी कि ग्राम पंचायत में प्रधानमंत्री आवास के आवंटन में गड़बड़ी की गई है।
उन्होंने आगे कहा कि इस पर हाईकोर्ट ने 26 नवंबर को जांच रिपोर्ट तलब की थी। इस पर गठित जांच टीम में सहायक निदेशक (मस्त्य) और बीडीओ की टीम बनाई गई। जांच में ग्राम पंचायत वर्ष 2016-17 में 8, 2017-18 में 4 और वर्ष 2018-19 में 3 (कुल 15) ऐसे लोगों को आवास योजना का लाभ दिया जाना पाया गया, जिनके पास पहले से पक्के आवास थे।
ग्रामीणों ने बताया कि मामले में मुकदमा होने से वह संतुष्ट तो हैं, लेकिन इसमें अभी भी कई लोग ऐसे हैं जिपर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है जबकि उन सभी की संलिप्तता इस मामले में है। ग्रामीणों ने बताया कि तमाम अपात्रों को यहां पीएम आवास दिया गया, जिनको जिन्हें असल में जरूरत थी, वह आज भी झोपड़ी में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं। वहीं जिला पंचायत अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में अपात्रों को आवास देने की जांच अधिकारियों से कराई गई थी। मामला सही पाए जाने के बाद डीएम के निर्देश पर पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।
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