जौनपुर (उत्तर प्रदेश)। जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को सोमवार तड़के लाइन बाजार पुलिस ने उनके कालीकुत्ती स्थित आवास से गिरफ्तार कर लिया। उनपर जल निगम की कार्यदायी संस्था के प्रोजेक्ट मैनेजर का अपहरण और धमकी देने का आरोप है। पूर्व सांसद पर मुकदमा दर्ज करके सोमवार को उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने राहत देने का अनुरोध ख़ारिज करते हुए सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।
पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार ने बताया कि पुलकित इंटरप्राइजेज नामक नयी दिल्ली की कंपनी, जौनपुर नगर में जल निगम की कार्यदायी संस्था के रूप में सीवरेज लाइन का काम कर रही है। इसमें काम करने वाले मुज़फ्फरनगर निवासी, प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंहल का आरोप है कि रविवार शाम पूर्व सांसद धनंजय सिंह के साथी विक्रम सिंह के साथ दो व्यक्ति उनकी पचहटिया स्थित साइट पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि वहां से वे एक काली फॉर्च्यूनर गाड़ी में उनका अपहरण कर पूर्व सांसद के आवास कालीकुत्ती मोहल्ले में ले आए।
पीड़ित ने बताया कि जौनपुर से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद रहे सिंह की तरफ से आपूर्ति किए जाने वाले बालू की गुणवत्ता खराब है, इसलिए वह काम में उपयोग नहीं किया जा सकता। आरोप है कि सिंह ने उसपर बालू खरीदने का दबाव बना कर पिस्टल के बल पर जान से मारने की धमकी दी। प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताया कि वह किसी तरह वहां से छूटकर देर रात लाइन बाजार थाना पहुंचा और तहरीर दी। इसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया।
इसके बाद अपर पुलिस अधीक्षक संजय कुमार के नेतृत्व में लाइन बाजार सहित 12 थाने के पुलिस बल ने सोमवार तड़के उनके आवास पर छापा मार कर आरोपी पूर्व सांसद और उनके सहयोगी विक्रम सिंह को गिरफ्तार कर लिया। थाने लाने के बाद उन्हें सोमवार सुबह अदालत में पेश किया गया। जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। उधर जेल जाते समय मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने अपने आप को बेकसूर बताया। उन्होंने कहा कि मेरी छवि को धूमिल करने के लिए जौनपुर से विधायक और प्रदेश के राज्यमंत्री और पुलिस अधीक्षक ने षड्यंत्र करके मुझे फर्जी ढंग से फंसाया है।
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