बांदा: बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के निर्माण से भविष्य में भले ही विकास की धारा बहे, लेकिन निर्माण कार्य में लगे ठेकेदार ने फिलहाल किसानों के उपजाऊ खेतों से जबरन मिट्टी निकाल कर करीब एक सौ बीघे खेतों को तालाब में बदल दिया है। इस इलाके के किसानों का आरोप है कि पुलिस मिट्टी देने के लिए उन्हें पकड़कर जबरन राजी करा रही है। बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य बड़ी तेजी से चल रहा है।
29 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चित्रकूट जिले के गोंडा गांव में आकर इसका उद्घाटन भी करने वाले हैं। उनकी जनसभा के लिए भाजपा नेता घर-घर हल्दी-चावल बांटकर न्योता भी दे रहे हैं। मगर, इसका दूसरा पहलू यह भी है कि जिस अधिग्रहीत भूमि से यह एक्सप्रेसवे निकाला जा रहा है, उसके अगल-बगल के खेतों से ठेकेदार जबरन मिट्टी की खुदाई कर समतल भूमि को तालाब में बदल दे रहे हैं। बुंदेलखंड किसान यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा बुधवार को बिलबई गांव के मजरा कलेक्टर पुरवा और हथौरा गांव जाकर पीड़ित किसानों से मिले।
शर्मा ने बताया, ‘कलेक्टर पुरवा और हथौरा गांव के करीब एक सौ बीघा उपजाऊ कृषि भूमि को 5 से 10 मीटर की गहराई तक खुदाई कर गहरे तालाब में बदल दिया गया है, जहां अब सिर्फ सिंघाड़ा की खेती या मत्स्य-पालन ही किया जा सकता है।’ उन्होंने बताया कि किसानों ने निर्माण कार्य में लगे ठेकेदारों के पक्ष में एक मीटर तक गहराई की मिट्टी निकालने का सहमति पत्र लिखा था, लेकिन अब 5 से 10 मीटर तक गहरी खुदाई कर खेतों को तालाब में बदल दिया गया है। शर्मा ने कहा, ‘तहसीलदार से फोन में बात की तो उन्होंने जवाब दिया कि ठेकेदारों को रोकना मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है।’
कलेक्टर पुरवा के किसान श्याम पाल, जगदेव, निर्भायी, मौकुवा, सद्दाम, इमरान और लल्लू यादव ने आरोप लगाया कि अधिक खुदाई का विरोध करने पर उन्हें सोमवार को पुलिस थाने पकड़ ले गई थी और रात भर बैठाए रही। मंगलवार सुबह जबरन ठेकेदार से राजी करवाकर छोड़ा है। किसान मैकुवा ने पुलिस पर अपने साथ मारपीट किए जाने का भी आरोप लगाया है। इस संबंध में जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल ने बुधवार शाम कहा कि उन्होंने मंगलवार को ही पदभार संभाला है। यह मामला उनके संज्ञान नहीं है, इसके बारे में पता लगाया जाएगा।
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