मेरठ: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 सैन्य कर्मियों में बिपुल रॉय भी शामिल थे। रॉय का परिवार मेरठ में किराये के मकान में रहता है। उनकी शहादत की खबर सुन पत्नी और पांच साल की मासूम बेटी का रो-रोकर बुरा हाल है। शहीद हवलदार बिपुल रॉय 81 माउंट बिग्रेड सिग्नल कंपनी में तैनात थे।
दो साल पहले मेरठ छावनी में उनकी तैनाती थी और यहीं से लद्दाख पोस्टिंग आने पर उन्होंने पत्नी रुम्पा और पांच साल की बेटी तमन्ना को मेरठ के थाना कंकड़खेड़ा स्थित कुंदन कुंज कालोनी में किराये के मकान में रखा हुआ था। उनकी शहादत की सूचना कॉलोनी में पहुंचते ही लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। उनकी पत्नी व बच्ची का रो-रोकर बुरा हाल है।
शहीद का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव बिन्दीपरा जलपाईगुड़ी बंगाल जाएगा। उनकी पत्नी बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे दिल्ली से विमान से बंगाल अपने घर जाएंगी। पत्नी रुम्पा रॉय की शहादत के बाद जब सैन्य अधिकारी उन्हें अपने साथ ले जाने आए और उनकी पत्नी अटैची में जरूरी समान रखने लगीं तो शहीद की बेटी तमन्ना ने अपनी मां से पूछा, “हम कहां जा रहे हैं। आप सामान क्यों बांध रही हो। पापा जी को तो ड्यूटी से आने दे।”
इतना सुनते ही शहीद की पत्नी की आंखों में आंसू आ गए और बेटी को कलेजे से लगा लिया। इससे पहले डीएम अनिल ढींगरा और एसएसपी अजय साहनी भी शहीद बिपुल रॉय के घर पहुंचे और परिवार को ढांढस बंधाया। जानकारी मिलने पर कैंट विधायक सत्य प्रकाश अग्रवाल भी शहीद के घर पहुंचे। इसके बाद सेना के अधिकारी भी शहीद के घर पहुंच गए। कुछ देर बाद सेना के अधिकारी शहीद की पत्नी व बच्ची को अपने साथ ले गए।
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